Thursday 23 February 2017

क्रिकेटरों की मंडी में विदेशियों का बोलबाला

बेंगलुरु में सोमवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 10वें संस्करण में क्रिकेट खिलाड़ियों की मंडी लगी और जमकर बोलियां लगीं। इस बार की नीलामी में विदेशी खिलाड़ी छाये रहे। बोली के लिहाज से एक से आठ तक विदेशी खिलाड़ियों ने ही जगह बनाई। कर्ण शर्मा जो नौवें नम्बर पर थे को मुंबई इंडियंस ने 3.2 करोड़ रुपए में खरीदा। उनका बेस प्राइज था 30 लाख। पहले नम्बर पर इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स को सबसे महंगे खिलाड़ी का खिताब मिला। टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल के आखिरी ओवर में चार छक्के खाने वाले बेन स्टोक्स सबसे महंगे 14.5 करोड़ रुपए में बिके। उन्हें पुणे सुपर जाइंट्स ने खरीदा। स्टोक्स को उनके आधार मूल्य दो करोड़ से सात गुना कीमत मिली। वह अब तक के सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी हैं। यही नहीं वह आईपीएल में खेल रहे खिलाड़ियों रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के कप्तान विराट कोहली (15 करोड़) के बाद दूसरे सबसे बड़े खिलाड़ी बन गए हैं। हालांकि आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे खिलाड़ी का रिकार्ड युवराज सिंह (16 करोड़ रुपए) के नाम है, जिन्हें 2015 में दिल्ली डेयरडेविल्स ने खरीदा था। वहीं भारतीयों में लेग स्पिनर कर्ण शर्मा सबसे महंगे रहे। उन्हें किंग्स इलेवन पंजाब ने 3.2 करोड़ रुपए में खरीदा। भारतीय तेज गेंदबाज इशांत शर्मा और इरफान पठान को खरीदार नहीं मिले। इशांत शर्मा का आधार मूल्य दो करोड़ और पठान का 50 लाख रुपए था। आईपीएल में पहली बार अफगानिस्तान के दो क्रिकेटरों को भी अपना जलवा दिखाने का मौका मिलेगा। सनराइजर्स हैदराबाद ने राशिद खान को चार करोड़ और ऑलराउंडर मोहम्मद नबी को आधार मूल 30 लाख खर्च कर अपने साथ जोड़ा। राशिद का आधार मूल्य 50 लाख रुपए था। किंग्स इलेवन ने नटराजन को तीन करोड़ में खरीदा। वे सबसे महंगे बिकने वाले भारतीय खिलाड़ियों में दूसरे नम्बर पर रहे। नटराजन की मां चेन्नई में सड़क किनारे ठेला लगाकर खाने-पीने की चीजें बेचती हैं। पिता कपड़े की दुकान में काम करते हैं। मानना पड़ेगा कि आईपीएल ऐसे खिलाड़ियों को अपना जौहर दिखाने का मौका देता है जिनमें टेलेंट तो है पर अवसर नहीं मिलते। नटराजन के परिवार की तो जिन्दगी संवर गई। आईपीएल पैसों की खान बनती जा रही है। 2008 में पहले आईपीएल से करीब 40 करोड़ रुपए की रेवेन्यू जेनरेट हुई थी। वहीं 2016 में करीब 2300 करोड़ का रेवेन्यू हासिल हुआ। यानि नौ साल में इस लीग की रेवेन्यू में 475 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इस टाइम पीरियड में ऐसी तेजी दुनिया की किसी अन्य लीग में नहीं देखी गई। हालांकि रेवेन्यू के मामले में अभी भी आईपीएल दुनिया की अन्य लीगों से पीछे है। नेशनल फुटबॉल लीग (एनएफएल) रेवेन्यू के मामले में दुनिया में सबसे बड़ी लीग है। एनएफएल (अमेरिका) ने पिछले सीजन में 13 बिलियन डॉलर (87000 करोड़ रुपए) रेवेन्यू जेनरेट किया। इसके बाद दूसरे नम्बर पर भी अमेरिका की एमबीएल (बॉस्केट बॉल लीग) है। एमबीएल (अमेरिका) की पहली तीन लीगों में है। हमारी आईपीएल पांचवें नम्बर पर आती है। आईपीएल (इंग्लैंड) चौथे नम्बर पर है। आईपीएल में टीमों ने 27 विदेशी खिलाड़ियों पर 66.4 करोड़ रुपए खर्च किए। 39 भारतीय खिलाड़ियों पर 24.75 करोड़ रुपए खर्च किए। गुजरात लाइंस ने सबसे ज्यादा 11 खिलाड़ी खरीदे। जबकि रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु ने सबसे कम पांच खिलाड़ी ही खरीदे। आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला ने कहा कि मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि आईपीएल 10 पिछले सभी संस्करणों से बेहतर होगा। सभी टीमों को हमारी शुभकामनाएं। कल तक थे अनजान, नीलामी के बाद बन गए सितारे। अब इनकी परफार्मेंस पर नजरें टिक जाएंगी।

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