Friday 24 February 2017

परिणामों का अगले राष्ट्रपति चुनाव पर सीधा असर

उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के चुनावों के परिणामों के दूरगामी प्रभाव होंगे। सिर्फ उन राज्यों के लिए ही नहीं जहां चुनाव हैं बल्कि पूरे देश के लिए। इनका सीधा प्रभाव अगले राष्ट्रपति चुनाव के लिए भी निर्णायक साबित होगा। इसके अलावा राज्यसभा पर भी सीधा असर पड़ेगा। पांच राज्यों के नतीजों से चुनकर आने वाले विधायक राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान करेंगे। देश का अगला राष्ट्रपति अपने दम-खम पर चुनने के लिए भाजपा और उसके सहयोगियों को अभी करीब 65 हजार मूल्य के वोटों की जरूरत है। पांच राज्यों की 690 सीटों पर हो रहे विधानसभा चुनाव के परिणाम से राष्ट्रपति चुनाव के लिए एक लाख तीन हजार 756 मूल्य के वोट तैयार होंगे। भाजपा अगर उत्तर प्रदेश में अपने दम पर बहुमत हासिल करने में कामयाब रहती है तो उसे लगभग 32 हजार मूल्य के वोटों का फायदा होगा। वर्तमान में लोकसभा में पूर्ण बहुमत और एक दर्जन राज्यों में सरकार की बदौलत भाजपा और उसके सहयोगियों के पास चार लाख 83 हजार 728 मूल्य के वोट हैं। वहीं कांग्रेस, वामदल और सपा के पास चार लाख 11 हजार 438 मूल्य के वोट हैं। तृणमूल कांग्रेस, बीजद के अलावा टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस के पास राष्ट्रपति चुनाव में 20 हजार 728 मूल्य के वोट हैं। जबकि राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए पांच लाख 49 हजार, 442 मूल्य के वोट जरूरी हैं। कांग्रेस के एक नेता ने कहा है कि मौजूदा स्थितियों में एनडीए के लिए अपने दम पर राष्ट्रपति पद का चुनाव मुश्किल है। भाजपा ने यूपी में अपनी स्थिति सुधार भी ली तो उसे पंजाब में नुकसान हो सकता है। उत्तराखंड में भी पार्टी को फायदा नहीं मिलेगा, यहां विधानसभा की 70 सीटों में से 31 सीटें भाजपा के पास हैं व राष्ट्रपति चुनाव में इसका मूल्य महज 1984 है। पांच राज्यों में से यूपी के विधायक के वोट का मूल्य ज्यादा है। यूपी के एक विधायक के वोट का राष्ट्रपति चुनाव के लिए मूल्य 208 है, जबकि पंजाब के विधायक के मत का मूल्य 116 है। उत्तराखंड के एक विधायक का वोट 64 मूल्य के बराबर है। गोवा के विधायक का मूल्य वोट 20 तो मणिपुर में एक विधायक का मूल्य वोट 18 है। देश के विधानसभा सदस्यों की कुल संख्या 4120 है। 2007 के राष्ट्रपति निर्वाचन के लिए यूपी विधानसभा के सदस्यों के मतों का मूल्य सबसे अधिक (208) व सिक्किम में मतों का मूल्य सबसे कम (7) था। कुल मिलाकर इन पांच राज्यों के परिणाम भाजपा व अन्य पार्टियों के लिए मंहत्वपूर्ण तो हैं ही पर भाजपा के लिए इसलिए और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हैं कि अगर वह अपनी पसंद का राष्ट्रपति बनाना चाहती है तो उसे इन राज्यों में अच्छा प्रदर्शन करना होगा।

No comments:

Post a Comment