Sunday 26 February 2017

हज सब्सिडी खत्म करने की मांग

हैरान करने वाली बात यह है कि हज सब्सिडी एक ऐसा मसला है, जहां मुस्लिम लीडर इसके पक्षधर हैं कि यह सब्सिडी खत्म कर देनी चाहिए, लेकिन केंद्र में सत्तारूढ़ सरकार चाहे, कांग्रेस की हो, भाजपा की हो या फिर तीसरे मोर्चे की रही हो, कोई इसे खत्म नहीं करना चाहती। कहा यह जाता है कि इसके पीछे उसके अपने हित छिपे हुए हैं। साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने भी 10 वर्षों के अंदर हज सब्सिडी खत्म करने को कहा था, उस पर अमल कैसे हो, इसके लिए कमेटी बनाने में ही केंद्र सरकार को पांच साल लग गए। अब केंद्र सरकार ने छह सदस्यों वाली कमेटी बनाई है। भारत से हज पर जाने वाले यात्रियों की संख्या पिछले साल एक लाख, 36 हजार के करीब थी। इस बार कोटा बढ़ाया गया है। सऊदी अरब सरकार ने हज के लिए भारतीय कोटा एक लाख, 70 हजार, 520 कर दिया है। हज पर जाने वाले यात्रियों को दो कैटेगरी में आवेदन करने के विकल्प होते हैं। एक ग्रीन कैटेगरी कहलाती है और दूसरी अजीजीया। यह फर्क वहां रहने के इंतजाम के दृष्टिगत होते हैं। इस साल ग्रीन कैटेगरी के लिए एक लाख, 85 हजार और अजीजीया कैटेगरी के लिए दो लाख, 19 हजार रुपए तय किए गए हैं। केंद्र सरकार हज यात्रा के लिए जो सब्सिडी देती है, वह आने-जाने के लिए हवाई टिकट में उपयोग की जाती है। मुस्लिम लीडरान कहते हैंöहज सब्सिडी की जरूरत ही कहां बची है? श्रद्धालु से जो राशि बतौर किराया ली जा रही है वही काफी है। इस तरह केंद्र सरकार द्वारा हज यात्रियों को सब्सिडी के नाम पर दी जा रही अरबों रुपए की राशि भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। इसलिए मुस्लिम लीडरान हज सब्सिडी को खत्म कराना चाहते हैं। उनका कहना है कि ग्लोबल टेंडर के जरिये एयरलाइंस को आमंत्रित किया जाए। जिस भी एयरलाइंस को इतने ज्यादा यात्री एक साथ मिलेंगे वह और भी सस्ती दरों पर टिकट देने को मान जाएंगी। हज यात्रियों के भी पैसे बचेंगे और सरकार को किसी भी तरह की सब्सिडी देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। केंद्र सरकार ग्लोबल टेंडर को राजी नहीं है। केंद्र सरकार पर इल्जाम लगता है कि वह इंडियन एयरलाइंस को मुनाफा दिलाने के लिए महंगे टिकट खरीदती है और सब्सिडी वाली रकम उसके खाते में चली जाती है। केंद्र सरकार का कहना है कि सऊदी अरब सरकार के साथ हमारा अनुबंध है, जिसके तहत हमें 50 प्रतिशत यात्रियों को सऊदी एयरलाइंस से भेजना होता है और 50 प्रतिशत अपनी से। सऊदी एयरलाइंस क्या किराय लेती है यह उस पर दबाव नहीं डाला जा सकता और न ही उन पर दबाव बना सकते हैं कि वह हज यात्रा के लिए ग्लोबल टेंडर करें। अब देखें, कमेटी क्या कहती है।

-अनिल नरेन्द्र

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