Thursday, 22 November 2018

सीबीआई बनाम सीबीआई क्राइम थ्रिलर का सनसनीखेज एपिसोड

सीबीआई बनाम सीबीआई महाभारत ने सुप्रीम कोर्ट में एक बार फिर सनसनी पैदा कर दी। इस बार सनसनी पैदा करने वाले थे डीआईजी मनीश कुमार सिन्हा। सीबीआई के डीआईजी मनीश कुमार सिन्हा ने अपने ट्रांसफर के खिलाफ याचिका में आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच में हस्तक्षेप किया था। अस्थाना पर दर्ज तीन करोड़ रुपए की रिश्वतखोरी केस की जांच डीआईजी सिन्हा कर रहे थे। उन्होंने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मेरे पास एक रॉ अफसर की कॉल रिकॉर्डिंग है। इसमें वह अफसर कह रहा है कि पीएमओ को मैनेज कर लिया है। इस केस में अस्थाना का साथ दे रहे सरकार में बैठे लोगों के नाम सामने आ रहे थे। इसलिए मेरा नागपुर ट्रांसफर किया गया ताकि जांच आगे न बढ़े। सिन्हा ने आगे कहा कि 20 अक्तूबर को मैं सीबीआई के डिप्टी एसपी देवेन्द्र कुमार के ऑफिस और घर की तलाशी ले रहा था। उसी वक्त सीबीआई डायरेक्टर का फोन आया। उन्होंने मुझसे कहा कि एनएसए अजीत डोभाल ने कहा है कि तलाशी रोक दी जाए। इसके बाद एके बस्सी भी अस्थाना का मोबाइल जब्त कर उनके घर की तलाशी लेना चाहते थे। तब भी कहा गया कि एनएसए अजीत डोभाल ने इसकी इजाजत नहीं दी है। केंद्रीय राज्यमंत्री हरिभाई पारथीभाई चौधरी पर आरोप लगे हैं कि उन्होंने कार्मिक मंत्रालय के जरिये सीबीआई डायरेक्टर अलोक वर्मा की जांच प्रभावित करने का दबाव बनाया। क्योंकि वर्मा की रिपोर्टिंग कार्मिक मंत्रालय को है। आरोप है कि हरिभाई को कुछ करोड़ रुपए अहमदाबाद के विपुल नाम के एक व्यक्ति के जरिये पहुंचाए गए। सना ने 20 अक्तूबर को पूछताछ के दौरान यह तथ्य बताए थे। डीआईजी मनीश सिन्हा ने सनसनीखेज आरोप लगाए हैं और वह भी सुप्रीम कोर्ट में। यह कोई चुनावी रैली में  लगाए जा रहे आरोप नहीं हैं जिन्हें हलके से लिया जा सकता है, यह आरोप देश की सर्वोच्च न्यायालय में एक सीबीआई के जिम्मेदार अफसर ने लगाए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सिन्हा द्वारा उच्चतम न्यायालय में दिए हलफनामे की पृष्ठभूमि में मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि दिल्ली में चौकीदार ही चोर नामक क्राइम थ्रिलर चल रहा है और  लोकतंत्र रो रहा है। राहुल ने ट्वीट कर कहा कि दिल्ली में चौकीदार ही चोर थ्रिलर के नए एपिसोड में सीबीआई के डीआईजी द्वारा एक मंत्री, एनएसए, कानून सचिव और कैबिनेट सचिव के खिलाफ गंभीर आरोप हैं। उन्होंने दावा किया कि वहीं गुजरात से लाया उसका साथी करोड़ों वसूली उठा रहा है। अफसर थक गए हैं। भरोसे टूट गए हैं। कांग्रेस ने सीबीआई के डीआईजी एमके सिन्हा द्वारा लिखित हलफनामे में लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की स्वतंत्र जांच की सोमवार को मांग की थी और कहा था कि उनसे प्रधानमंत्री कार्यालय और मोदी सरकार के कामकाज पर सवाल खड़े हो गए हैं। पार्टी ने यह भी कहा कि वह संसद में भी यह मुद्दा उठाएंगे। पार्टी ने कहा है कि इसने मोदी सरकार के साथ शीर्ष नौकरशाही की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। शपथ पत्र में साफ है कि मंत्री, कानून सचिव, केंद्रीय सतर्पता आयुक्त से लेकर राष्ट्रीय सलाहकार अजीत डोभाल तक अपराधियों को बचाने और बेगुनाहों को फंसाने के खेल में शरीक हैं। कांग्रेस का यह भी कहना है कि बचाने और फंसाने के खेल में भ्रष्टाचार की बात सामने आ गई है। इसलिए संसद के जरिये इसकी निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए। मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि सरकार के शीर्ष स्तर के अधिकारियों और मंत्रियों पर गंभीर आरोप विपक्ष या राह चलते किसी व्यक्ति ने नहीं, बल्कि सीबीआई के डीआईजी ने लगाए हैं। 70 साल में पहली बार हुआ है कि सीबीआई के एक आला अधिकारी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) और केंद्रीय सतर्पता आयुक्त केवी चौधरी पर आरोपित को बचाने में संदेहास्पद भूमिका पर प्रकाश डाला है। देखें कि इस क्राइम थ्रिलर के अगले एपिसोड में क्या होता है?

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