Sunday 11 November 2018

लोकतंत्र की खातिर जान जोखिम में

छत्तीसगढ़ में दो चरणों में मतदान से ठीक पहले दंतेवाड़ा में नक्सलियों ने एक बार फिर हमला किया है। उन्होंने दंतेवाड़ा में बृहस्पतिवार को पहले चरण में वोट डालने के तीन दिन पहले आईडी विस्फोट कर एक बस को उड़ा दिया। हमले में नक्सलियों ने बारूदी सुरंग लगाकर चुनाव ड्यूटी पर लगे वाहन को उड़ाया, यह घटना बताती है कि छत्तीसगढ़ में कर्मचारी किस तरह जान जोखिम में डालकर चुनाव प्रक्रिया सम्पन्न कराने में लगे हुए हैं। इस हमले में वाहन के परखचे उड़ गए और सीआईएसएफ के जवानों समेत पांच लोगों को जान गंवानी पड़ी। चुनावी राज्य में 10 दिनों के भीतर नक्सलियों का यह तीसरा हमला है। यह हमला जगदलपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुक्रवार को होने वाली चुनावी सभा से पहले किया गया है। छत्तीसगढ़ में कश्मीर घाटी की तरह ही नक्सलियों ने चुनाव के बहिष्कार की घोषणा की है। इससे पहले 30 अक्तूबर को नक्सलियों ने अरनपुर थाना क्षेत्र में पुलिस दल पर घात लगाकर हमला कर दिया था। इसमें तीन पुलिसकर्मी शहीद हुए थे और एक मीडियाकर्मी (दूरदर्शन का कैमरामैन) भी मारा गया था। 27 अक्तूबर को बीजापुर में हुए हमले में सीआरपीएफ के चार जवान व दो अन्य लोग मारे गए थे। छत्तीसगढ़ में दो चरणों के मतदान में पहला चरण इस महीने की 12 तारीख को 18 विधानसभा सीटों के लिए होगा। शेष 72 सीटों के लिए 20 नवम्बर को वोट डाले जाएंगे। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों व निर्वाचन आयोग के बीच होर्डिंग और दीवारों पर पोस्टर वार अलग से चल रहा है। कुछ स्थानों पर आयोग की तरफ से बड़े-बड़े बैनरों के जरिये लोगों से वोट पैडम (उत्सव) मनाने को कहा गया है। स्थानीय गोंडी भाषा में पैडम का अर्थ उत्सव होता है। कई केंद्रों को मंदिरों की तरह सजाया गया है। स्थानीय प्रशासन और निर्वाचन आयोग लोगों को उपहार भेंट कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि नक्सलियों के दुप्रचार का मुकाबला करने के लिए चुनाव आयोग ने यह पहल की है। नक्सलियों ने  दंतेवाड़ा और सुकमा के अंदरूनी क्षेत्रों में पोस्टर लगाकर ग्रामीणों से चुनाव का बहिष्कार करने को कहा है। हमें तो पूरा विश्वास है कि कश्मीर की तरह छत्तीसगढ़ में भी जनता इस बार भी बड़ी संख्या में वोट देने निकलेगी और अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट देगी। यह लगभग तय है कि नक्सलिये इस बार भी मुंह की खाएंगे। एक बार फिर जनमत उन बंदूकों को मात देगा, जो उन लोगों के ही खिलाफ खड़े हैं, जिनकी लड़ाई लड़ने की बात नक्सली करते हैं। लोकतंत्र के साथ जंग में उनकी बारूदी सुरंगे व ताबड़तोड़ हमले बेशक कुछ सुरक्षा कर्मियों व चुनाव ड्यूटी कर रहे अधिकारियों की जान ले लें पर अंतत जनता की जीत होगी। लोकतंत्र की जीत होगी। चुनाव ड्यूटी पर लगे अधिकारियों व सुरक्षा बलों की हिम्मत को हम सलाम करते हैं। यह देश की सेवा करने, लोकतंत्र को मजबूत करने का शानदार काम कर रहे हैं।

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