Tuesday 10 September 2019

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

चांद के फलक पर तिरंगा देखने का 130 करोड़ हिन्दुस्तानियों का सपना शुक्रवार/शनिवार की दरम्यानी रात चांद की दहलीज तक पहुंच गया। देश के सबसे महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 लांचिंग के बाद 48 दिन में 3.84 लाख किलोमीटर का सफर तय कर रात 1.55 बजे चांद के बिल्कुल करीब तक पहुंच गया। इस समय तक चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर विक्रम के उतरने की सारी प्रक्रिया सामान्य थी। 35 किलोमीटर ऊपर से सतह पर उतरने की प्रक्रिया का काउंट डाउन 1.38 बजे शुरू हुआ। 13 मिनट 48 सेकेंड तक सब कुछ सही चला। तालियां भी गूंजीं। मगर आखिरी डेढ़ मिनट पहले जब विक्रम 2.1 किलोमीटर ऊपर था, तभी करीब 1.55 बजे उसका इसरो से सम्पर्प टूट गया। यह स्थिति करीब 12 मिनट तक रही। करीब 2.07 बजे वैज्ञानिकों ने बताया कि सम्पर्प बहाल करने की कोशिश की जा रही है। हालांकि 2.18 बजे इसरो प्रमुख के. सिवन ने बताया कि विक्रम से सम्पर्प टूट गया है। हम आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं। वैज्ञानिकों ने कहा कि सिर्प सम्पर्प टूटा है, मिशन से उम्मीदें कायम हैं। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहीं मौजूद थे। उन्होंने इसरो के वैज्ञानिकों से कहा कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं पर यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है। देश आप पर गर्व करता है। आपकी इस मेहनत ने बहुत कुछ सिखाया है। अच्छे के लिए आशा करें। हर हार से हम हर कदम पर बहुत कुछ सीखते हैं। मैं पूरी तरह आपके साथ हूं। हिम्मत के साथ चलें। आपके पुरुषार्थ से देश फिर से खुशी मनाने लग जाएगा। अगर मिशन सफल होता तो भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन जाता। इससे पहले चीन, अमेरिका और रूस चांद पर लैंडिंग कर चुके हैं पर किसी ने भी रहस्यों से भरे चांद के दक्षिणी ध्रुव पर यान नहीं उतारा है। चंद्रयान को 47 दिन पहले चांद के लिए रवाना किया गया था। चंद्रयान द्वारा चांद की सतह पर उतरने से पहले विक्रम लैंडर का सम्पर्प टूटने से पूरे देश का दिल बेशक टूटा हो लेकिन इसके बाद इसरो के वैज्ञानिकों के साथ जिस तरह पूरा देश खड़ा हुआ वह अद्वितीय है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों के जौहर को हर कहीं सलाम किया जा रहा है। राजनेताओं से लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं और आम हिन्दुस्तानी ने इसरो के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया। चंद्रयान-2 की लैंडिंग देख रहे इसरो प्रमुख के. सिवन के चेहरे के भाव उस पिता जैसे थे, जिसके बेटे का सबसे बड़ा इम्तिहान हो। सिवन ने लांचिंग के मौके पर कहा था कि हमारे लिए आखिरी के 15 मिनट आतंक के पल होंगे। उनकी चिन्ता सही साबित हुई। हालांकि मंजिल एकदम करीब थी, लेकिन आखिरी मौके पर जीत हाथ से फिसल गई। ब्रेकिंग न्यूज ः इसरो को चांद विक्रम लैंडर की स्थिति का पता चल गया है। ऑर्बिटर ने थर्मल इमेज कैमरे से उसकी तस्वीर ली है। हालांकि उससे अभी कोई संचार स्थापित नहीं हो पाया है। यह भी खबर है कि विक्रम लैंडर तय लैंडिंग की जगह से 500 मीटर दूर पड़ा है। उम्मीद की जाती है कि जल्द उससे संचार भी शुरू हो जाएगा।

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