Friday 20 September 2019

क्या सऊदी तेल संयंत्रों पर हमले में ईरान का हाथ है?

सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको की अब्कैक   स्थित ऑयल प्रोसेसिंग फेसिलिटी और खुरैस स्थित बड़ी ऑयल फील्ड को शनिवार को ड्रोन हमले का निशाना बनाया गया था। इन ड्रोन हमलों की जिम्मेदारी ईरान समर्थित यमन के हूती विद्रोहियों ने ली है। हालांकि अमेरिका इसके लिए सीधे ईरान को जिम्मेदार मान रहा है। सैटेलाइट से मिली तस्वीरों के आधार पर अमेरिका का कहना है कि हमले जिस दिशा से हुए हैं, वह यमन नहीं बल्कि ईरान की ओर इशारा करते हैं। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहाöइस बात का कोई प्रमाण नहीं कि हमले यमन की तरफ से हुआ। हमले की जद में संयंत्र का उत्तर-पश्चिमी हिस्सा आया है। यमन से इस ओर हमला करना मुश्किल है। इस दिशा में हमला ईरान या इराक की ओर संकेत करता है। अधिकारी ने यह तर्प भी दिया कि हमले में कुल 19 जगहों को निशाना बनाया गया। विद्रोहियों ने 10 ड्रोन के इस्तेमाल का दावा किया है, लेकिन केवल 10 ड्रोन से इस तरह 19 ठिकानों को निशाना नहीं बनाया जा सकता है। न्यूयॉर्प टाइम्स ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि संभवत ड्रोन और ाtढज मिसाइलों की मदद से हमले किए गए। हालांकि कुछ मिसाइलें निशाने से चूक गईं। हमले की जांच में लगी गठबंधन सेना के प्रवक्ता कर्नल तुर्की-अल-अलीवी ने कहाöशुरुआती नतीजे बताते हैं कि हमले में ईरान के हथियार इस्तेमाल हुए। हमला यमन से नहीं किया गया, जैसा हूती विद्रोही दावा कर रहे हैं। वहीं यमन के हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब में और हमलों की चेतावनी देते हुए विदेशियों से कहा है कि वह वहां से दूर रहें। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि सऊदी अरब की तेल आपूर्ति पर हमला किया गया है। हम जानते हैं कि अपराधी कौन है, बस पुष्टि का इंतजार है। हम सऊदी अरब की ओर से यह सुनने का इंतजार कर रहे हैं कि वे हमले के लिए किसे जिम्मेदार मानते हैं और हमें इस मामले में किस तरह से कदम बढ़ाना है। ट्रंप ने यह भी कहा कि अपराधी के नाम की पुष्टि होते ही उस पर कार्रवाई की जाएगी। हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने ट्वीट में सीधे तौर पर ईरान का नाम नहीं लिया। ईरान के विदेश मंत्री मो. जावद जरीफ ने ट्वीट कियाöअधिकतम दबाव के बाद भी ईरान को नहीं झुका पाने के बाद अमेरिका अब अधिकतम झूठ का सहारा ले रहा है। अमेरिका और उसके सहयोगी यमन में इस सपने के साथ बने हुए हैं कि हथियारों के दम पर जीत मिल जाएगी। ऐसे में ईरान को जिम्मेदार ठहराने से संकट खत्म नहीं हो जाएगा। हमारा मानना है कि संकट तो बढ़ेगा। उम्मीद की जाती है कि मध्य-पूर्व में युद्ध नहीं छिड़ जाए।

No comments:

Post a Comment