कई बार मुंह की खाने के
बाद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान एक बार फिर अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा। भारत
विशेषकर पंजाब में आतंकी साजिशों को कामयाब करने के लिए हर संभव नए-नए प्रयास करता रहता है। उसी के चलते सरहद पार से आतंकियों
के आकाओं ने पिछले दिनों ड्रोन का इस्तेमाल करते हुए एक ब़ड़ी खेप पंजाब के तरनतारन
में भेजी, जिसे पंजाब पुलिस की खुफिया शाखा स्टेट स्पेशल ऑपरेशन
सैल ने सीमावर्ती गांव झव्वाल से ड्रोन के साथ बरामद किया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक
हथियारों के साथ पकड़े गए खालिस्तानी जिन्दा फोर्स के आतंकियों ने अपने आकाओं के इशारे
पर ड्रोन को जलाकर खत्म करने की कोशिश की थी। अधिकारी ने बताया कि हथियार और गोला-बारूद गिराने के लिए सात से आठ बार सीमा पार से ड्रोन भेजे गए। यह पहली बार
है कि जब हथियार और गोला-बारूद भेजने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल
किया गया है। एक ड्रोन 10 किलोग्राम तक वजन उठा सकता है। पांच
एके-47 राइफल, 19 मैगजीन और 472
गोलियां, चार चीन निर्मित .30 बोर पिस्तौल, आठ मैगजीन, 72 गोलियां,
नौ हथगोले, पांच सैटेलाइट फोन और उनके सहायक उपकरण,
दो मोबाइल फोन, दो वायरलैस सेट और 10 लाख रुपए की नकली मुद्रा जब्त की गई थी। पंजाब पुलिस के खुलासे के दो दिन बाद
मंगलवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लिए जाने के बाद यह पाकिस्तान के नापाक मंसूबों
का नया और भयावह आयाम है। सेना की मुस्तैदी के कारण सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ
कराने के लिए भी अब ड्रोन के जरिये आतंक फैलाने का प्रयास कर रहा है। सेना का कहना
है कि हमारे पास इन्हें (ड्रोन) को मार
गिराने की क्षमता है। सरकार भी एंटी ड्रोन-सिस्टम पर काम कर रही
है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक हथियारों के साथ पकड़े गए खालिस्तान जिन्दा फोर्स के
आतंकियों ने अपने आकाओं के इशारे पर ड्रोन को जलाकर खत्म करने की कोशिश की थी परन्तु
पूरा न जल पाने के कारण इसे एक गोदाम में छिपाकर रखा था। फिलहाल फोरेंसिक टीम पाकिस्तान
से भेजे गए ड्रोन में लगे उपकरणों की जांच कर रही है कि आखिर यह कंटीले तार के पास
लगे भारतीय राडार की पकड़ में क्यों नहीं आए? दबोचे गए पांचों
आतंकियों से सुरक्षा एजेंसियां यह भी उगलवाने में लगी हुई हैं कि सीमावर्ती किन इलाकों
से हथियार कितनी बार ड्रोन के माध्यम से आए हैं? चिन्ता इस बात
की भी है कि सरहद पार बैठी आईएसआई ने जहां पांच के करीब एके-47 राइफलें और गोली-सिक्का भेजा था वहीं ड्रोन की सहायता
से जाली करेंसी भी भेजी गई है। अमृतसर के डीजीपी दिनकर गुप्ता ने कहा कि अभी तक की
गई जांच से स्पष्ट है कि हथियारों की तस्करी करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल हुआ है
किन्तु ड्रोन से हथियार पंजाब की सरहद से आए हैं, वह पंजाब पुलिस,
बीएसएफ और एयरफोर्स के लिए सबसे बड़ा चैलेंज है। यह गंभीर मामला है।
-अनिल नरेन्द्र
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