Sunday 29 September 2019

सेक्स, वीडियो और वसूली

मध्यप्रदेश के हाई-प्रोफाइल हनी ट्रेप मामले से न केवल राज्य के बल्कि दिल्ली के सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। मामले में मुख्य साजिशकर्ता और गिरफ्तार हो चुकी श्वेता स्वपनल जैन के कई नेताओं के साथ मंच साझा करने की भी तस्वीरें वायरल हुई हैं। राज्य सरकार ने पूरा मामला एसआईटी को सौंप दिया है। लेकिन भाजपा नेताओं ने सीबीआई जांच की मांग की है। इस बीच एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि बॉलीवुड की कई बी-ग्रेड एक्ट्रेस भी इस हनी ट्रेप मामले में शामिल हैं। भोपाल के एक चर्चित क्लब में हनी ट्रेप गिरोह की कथित मुखिया श्वेता स्वपनल जैन जाती थीं। उसके साथ कुछ लड़कियां भी होती थीं। क्लब में आने वाले नेताओं-अफसरों से श्वेता दोस्ती कर लेती थी। फिर फोन पर बातें होती थीं, जिनमें बड़े लोगों को सेक्स ऑफर किया जाता है। उन्हें किसी बड़े होटल के कमरे में बुलाया जाता था। होटल के कमरे में पहले से ही एक कॉल गर्ल मौजूद रहती थी। रिपोर्ट के अनुसार गिरोह में 40 से ज्यादा कॉल गर्ल्स और एक्टेस मौजूद होती थीं। शुरुआत में तीन-चार बार होटल जाने के बाद नेताओं को श्वेता पर भरोसा हो जाता था। इनमें से कई श्वेता के साथ वॉट्सएप पर मैसेज-ऑडियो चैटिंग करते थे। सेक्स चैट के कई क्रीन शॉट पुलिस के पास मौजूद हैं। न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार या तो कॉल गर्ल्स कैमरा लेकर कमरों में जाती थीं या फिर वहां कैमरा फिट रहता था। पाए गए वीडियो में 92 हाई क्वालिटी के वीडियो हैं यानि उन्हें किसी अच्छे स्मार्ट फोन या फिर हैंडीकेम से शूट किया गया है। पुलिस द्वारा जब्त किए लैपटॉप, मोबाइल फोन में 4000 से ज्यादा फाइलें मिली हैं। इनमें कई नेता-अफसरों के आपत्तिजनक स्थिति में फोटो और वीडियो हैं। हनी ट्रेप मामले के जरिये दो तरह से फायदा उठाया गया। पहला, कुछ मंत्री और सेकेटरी श्वेता से इतने खुश हुए कि उसकी एनजीओ को करोड़ों के सरकारी कांट्रैक्ट देने लगे। यह बात खुद श्वेता ने पुलिस को बताई है। उसने यह भी कहा कि एमपी के एक पूर्व सीएम ने उसे भोपाल में बंगला भी गिफ्ट किया है। रिपोर्ट के मुताबिक कुछ खास लोगों को मुंबई और दिल्ली में भेजकर मॉडल्स और बॉलीवुड एक्ट्रेस भी उपलब्ध कराई गईं। फायदा पाने का दूसरा जरिया था, ब्लैकमेल करना यानि जब कोई नेता बड़ी रकम देने या अपने विभाग का सरकारी ठेका दिलवाने से मना करता था तो उसे फोटो-वीडियो दिखाकर ब्लैकमेल किया जाता था। एक ऐसे ही मामले की शिकायत पर यह केस खुला। नौकरशाही से लेकर राजनीतिक गलियारों तक फैले इस कांड की तह तक पहुंचने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने विशेष जांच दल गठित कर जांच शुरू कर दी है। यह मामला उस समय सामने आया है जबकि मध्यप्रदेश सरकार के अंदरखाते ही कई विरोधी स्वर उठ रहे हैं और भाजपा वहां की कांग्रेस सरकार को गिराने का प्रयास कर रही है। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस नेतृत्व इसके पीछे का असली सच जानना चाहती है। यह बहुत बड़ा अंतर्राज्यीय घोटाला है जिसकी परतें जल्द खुलेंगी।

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