Saturday 14 September 2019

बीतता जा रहा है लैंडर विक्रम से सम्पर्प स्थापित करने का समय

इंडियन स्पेस रिसर्च सेंटर (इसरो) ने कहा है कि एजेंसी चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम से सम्पर्प स्थापित करने की कोशिश कर रही है। चंद्रयान के ऑर्बिटर ने इसकी सटीक लोकेशन का पता भी लगा लिया है। इसरो की टीम लगातार सिग्नल भेजकर लैंडर से सम्पर्प की कोशिश कर रही है। हालांकि यह भी कहना होगा कि सम्पर्प स्थापित करने का समय तेजी से बीत रहा है। छह व सात सितम्बर की दरम्यानी रात को चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की दूरी पर इसरो ने लैंडर से सम्पर्प खो दिया था। शनिवार को चांद की सतह पर विक्रम की स्थिति का पता चल गया था। इसके बाद इसरो प्रमुख के. सिवन ने 14 दिन तक लैंडर से सम्पर्प करने की कोशिश किए जाने की बात की थी। दरअसल यान के लैंडर-रोवर का मिशन केवल 14 दिन के लिए ही तय किया गया था जो चंद्रमा के एक दिन के बराबर है। जैसे-जैसे मिशन की तय की गई अवधि बीत रही है, सम्पर्प करने की संभावना घटती जा रही है। इसरो के कुछ अधिकारियों के अनुसार विक्रम चांद की सतह पर पहले से तय जगह से 500 मीटर की ही दूरी पर पड़ा है। वह टूटा नहीं है, बस तिरछा हो गया है। वैज्ञानिक सम्पर्प साधने के लिए लैंडर के एंटीना को सही स्थिति में लाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच नीदरलैंड के एस्ट्रोनॉयर सीस वीसा ने नासा की जेट प्रॉपल्शन लैब के डेटा और इसरो के सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध डेटा की तुलना के आधार पर दावा किया कि लैंडर का सम्पर्प चंद्रमा की सतह से टकराने के बाद टूटा था, न कि सतह से 2.1 किलोमीटर ऊपर। इसरो ने 2.1 किलोमीटर ऊपर ही सम्पर्प टूटने का दावा किया था। सीस बीसा नीदरलैंड की एस्ट्रान (नीदरलैंड इंस्टीट्यूट ऑफ रेडियो एस्ट्रोनॉमी संस्था के लिए दुनियाभर के स्पेस क्राफ्ट की हैकिंग करते हैं। सात सितम्बर को भी वह डिववालू टेली स्कॉप आब्जबैटरी से चंद्रयान-2 की लैंडिंग पर नजर रखे हुए थे। मंगलवार को चार रंगों की रेखाओं का एक ग्राफ ट्वीट कर उन्होंने बताया कि उसकी बैंगनी रेखा रेडियो टेलीस्कॉप डॉलपर कर्व की है जबकि नारंगी रेखा चंद्रयान-2 के लैंडर की नासा जेपीएल द्वारा जारी हारिजॉन ट्रेजेक्टी की है। उन्होंने लिखाöइसकी तुलना से स्पष्ट है कि लैंडर चंद्रमा की सतह से टकराकर क्षतिग्रस्त हो चुका है। उससे दोबारा सम्पर्प के प्रयास सफल होने की संभावना बेहद कम है। उन्होंने शनिवार को ही डॉलपर कर्व की तस्वीरें जारी करते हुए अफसोस जताया था कि लैंडर की कैश लैंडिंग हुई है। वहीं इसरो का कहना है कि विक्रम ट्रांसपोंडर्स और एक तरफ आई एंटीना से इंविंड है। इसके ऊपर एक गुम्बद के जैसा यंत्र लगा है। विक्रम इन्हीं इक्पिमेंट का इस्तेमाल करके पृथ्वी या इसके आर्बिटर से सिग्नल लेगा और फिर उनका जवाब देगा।

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