Tuesday 10 September 2019

जुर्माना और सड़कों पर अनुशासन

संशोधित मोटर वाहन कानून एक सितम्बर से पूरे देश में लागू किया जा चुका है। जब से यह अधिनियम लागू हुआ है, एक अजीब तरह की अफरातफरी का माहौल बन गया है। किसी पर 94 हजार रुपए तक जुर्माना, किसी पर 23 हजार रुपए का जुर्माना। इससे आहत एक मोटर साइकिल चालक ने 10 हजार रुपए के जुर्माने पर अपनी मोटर साइकिल को ही आग लगा डाली। जगह-जगह पर लोगों की पुलिसकर्मियों से उलझनें और अपने वाहन को आग लगाने की खबरें आईं। दरअसल ने नियमों के तहत ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माने और दंड की मात्रा पहले से काफी बढ़ा दी गई है। इसलिए जिन चालकों के पास वैध कागज नहीं हैं, वे शराब पीकर गाड़ी चला रहे थे, लाल बत्ती पार की थी आदि, तो सबको मिलाकर जुर्माने की रकम हजारों में हो गई। बढ़े हुए जुर्माने पर आम जन में बहुत रोष है। कुछ विपक्षी नेता तो इसे रकम उगाही का नया हथकंडा करार दे रहे हैं। इस कानून के लागू होने से पहले इसके क्रियान्वयन को लेकर आशंका थी। यह आशंका इसलिए भी थी कि कानून को लागू करने के लिए पर्याप्त संख्या में कर्मियों की जरूरत होती। चूंकि इसे राज्यों के जरिये लागू किया जाना था, इसलिए यह चुनौती और बड़ी लग रही थी। अगर केंद्र और राज्य में अलग-अलग दलों की सरकारें हों तो ऐसा सोचा भी जा सकता है। यह सच है कि गैर-भाजपा शासित राज्योंöपंजाब, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान ने इसे फिलहाल लागू नहीं किया है। लेकिन दूसरी ओर भाजपा शासित राज्य गुजरात में भी इसे लागू करने में हिचकिचाहट देखी गई है। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को सफाई देनी पड़ी है कि भारी जुर्माने का मकसद लोगों को कानून त़ोड़ने से रोकना है, न कि धन उगाही। सड़क हादसे देश की बड़ी समस्या है, उन पर काबू पाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे में भारी जुर्माने के भय से लोग यातायात नियमों को तोड़ने से बचेंगे, उनमें सुरक्षित वाहन चलाने की आदत विकसित होगी। बता दें कि हर साल करीब डेढ़ लाख मौतें सड़क हादसों में होती हैं। अगर कानून का भय लोगों की जान बचाने में सहायक है तो इसका विरोध भी नहीं किया जा सकता। बेशक विरोध करने वाले यह शिकायत कर सकते हैं कि खराब सड़क, सड़क में गड्ढे न भरने वालों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। कई चौंकों में सिग्नल लाइट नहीं जलती हैं। फिलहाल तो यह जुर्माने की रकम चलनी चाहिए, कुछ समय बाद जब यातायात नियंत्रित हो जाए और वाहन चलाने वाले सावधान हो जाएं तो बेशक जुर्माने की रकम में कमी की जा सकती है।

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