Wednesday 25 September 2019

इमरान खान पहले अपने घर को संभालें

भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने वाले पाकिस्तान में अपने ही संविधान के एक अनुच्छेद पर बवाल मचा हुआ है। कराची को केन्द्र शासित पदेश बनाने की इमरान सरकार की मंशा पर विपक्ष विरोध कर रहा है। इमरान सरकार कराची में अनुच्छेद 149 (4) लागू करना चाह रही है। इसके लागू होने के बाद कराची केन्द्र शासित पदेश बन जाएगा। पिछले दिनों पाकिस्तान के कानून मंत्री ने कराची में अनुच्छेद 149 (4) को लागू करने का बयान दिया था। विपक्ष  ने कानून मंत्री के बयान को पाक के खिलाफ साजिश बताते हुए उनके इस्तीफे की मांग तक कर डाली है। कराची को लेकर केन्द्र सरकार और सिंध सरकार के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। पधानमंत्री इमरान खान ने कुपबंधन का शिकार कराची के लिए रणनीतिक समिति का गठन किया है। सिंध सरकार  इसे अपने अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप के रूप में देख रही है। घटनाकम उस वक्त नाटकीय हो गया जब केन्द्राrय विधि मंत्री ने कह दिया कि केन्द्र सरकार अनुच्छेद 149 (4) के तहत कराची के पशासन को अपने हाथों में ले सकती है। हालांकि मंत्री ने बाद में सफाई दी, लेकिन तब तक पीपीपी के मुखिया बिलावल भुट्टो जरदारी केन्द्र सरकार पर आरोप लगा चुके थे कि वह कराची पर कब्जा करना चाहती है। इसमें कोई संदेह नहीं कि कराची बेहाल है। कचरा पबंधन, सीवरेज, सार्वजनिक परिवहन, ट्रैफिक व्यवस्था बिखर चुकी है, कानून-व्यवस्था भी अत्यंत खराब है, अपराध बहुत बढ़ चुके हैं। अत कोई आश्चर्य नहीं कि दुनिया के रहने लायक शहरों की सूची में कराची फर्श पर है। केंद्रीय, पांतीय और स्थानीय तीनों ही स्तर की सरकार इस बुरे हाल के लिए जिम्मेदार है। परवेज मुशर्रफ के समय में खस्तहाल कराची में जरूर कुछ विकास हुआ था। विशेष रूप से स्थिति तब और बिगड़ी जब पीपीपी सरकार ने सिर्प स्थानीय सरकार कानून को 2013 में बदलकर स्थानीय निकाय की शक्तियों को छीन लिया था। अगर केन्द्र सरकार कराची का नियंत्रण अपने हाथों में लेती है तो यह एक खतरनाक मिसाल पेश होगी। बेशक कराची को मदद की जरूरत है। इसके लिए पांतीय सरकार की निगरानी में ही स्थानीय पशासन को मजबूत करना बेहतर विकल्प होगा। एक पेसवार्ता में बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि पीपीपी सिंध में सत्ता में है और राज्य में किसी भी साजिश को पार्टी स्वीकार नहीं करेगी। भुट्टो ने कहा इमरान सरकार कराची को इस्लामाबाद में मिलाना चाहती है। बेहतर हो कि इमरान खान भारत के अंदरुनी मसलों पर ध्यान न दें बल्कि अपने घर को पहले संभालें।

-अनिल नरेन्द्र

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