Wednesday 18 September 2019

उत्तर भारतीयों की योग्यता पर सवाल?

केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने यह क्या कह दिया? मोदी सरकार के 100 दिन पूरे होने पर शनिवार को केंद्रीय मंत्री व बरेली सांसद संतोष गंगवार ने एक प्रेस वार्ता में मंदी और नौकरी न होने के सवाल पर जवाब दिया कि देश में रोजगार की कमी नहीं है। उत्तर भारत में भर्ती के लिए आने वाली कंपनियों के कुछ प्रतिनिधि यह सवाल कर देते हैं कि जो वर्किंग हमें चाहिए, उसके मुताबिक यहां क्वालिटी नहीं है। हम इसमें सुधार पर काम कर रहे हैं। रोजगार कार्यालयों में बेरोजगारों की लंबी सूची के बाबत उन्होंने तर्प दिया कि बड़ी संख्या में पंजीकृत युवा अच्छी नौकरी हासिल कर चुके हैं। उससे भी बेहतर मौका पाने की तलाश में वे अपना पंजीकरण निरस्त नहीं कराते। इसलिए सूची लंबी है। देश में रोजगार की कमी नहीं है। हमारे उत्तर भारत में जो रिकूटमेंट करने आते हैं, इस बात का सवाल करते हैं कि जिस पद के लिए रख रहे हैं, उसकी योग्यता का व्यक्ति हमें कम मिलता है। उनके इस बयान से मंत्री जी का विपक्ष के निशाने पर आना स्वाभाविक ही था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने ट्वीट कियाöमंत्री जी पांच साल से ज्यादा समय से आपकी सरकार है। नौकरियां पैदा नहीं हुईं। जो नौकरियां थीं वह सरकार द्वारा लाई आर्थिक मंदी के चलते छिन रही हैं। आप उत्तर भारतीयों का अपमान करके बच निकलना चाहते हैं। यह नहीं चलेगा। बसपा प्रमुख मायावती ने भी ट्वीट किया कि देश में छाई आर्थिक मंदी आदि की गंभीर समस्या के संबंध में केंद्रीय मंत्रियों के हास्यास्पद बयानों के बाद अब उत्तर भारतीयों की बेरोजगारी दूर करने के बजाय यह कहना कि रोजगार की कमी नहीं बल्कि योग्यता की कमी है, अति शर्मनाक है। मंत्री को इसके लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कियाöभाजपा के मंत्री जी ने यह कहकर युवाओं का मनोबल तोड़ा है कि देश में रोजगार की नहीं बल्कि काबिल युवाओं की कमी है। अगर एक क्षण को यह झूठी बात मान भी लें तो क्या युवाओं को काबिल बनाने का दायित्व सरकार का नहीं है? दरअसल कमी काबिल युवाओं की नहीं, देश-प्रदेश में काबिल सरकार की है। सरकार रोजगार तो नहीं दे पा रही है और नाकामी छिपाने को उत्तर भारतीय युवाओं को बदनाम कर रही है। यह देश के युवाओं का अपमान है।

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