प्रवर्तन निदेशालय ने 25 हजार करोड़ रुपए के महाराष्ट्र
राज्य सहकारी बैंक घोटाले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार,
उनके भतीजे और उपमुख्यमंत्री अजीत पवार व अन्य के खिलाफ धनशोधन का आपराधिक
मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। यह घोटाला करीब 25
हजार करोड़ रुपए का बताया जा
रहा है। यह मामला मुंबई पुलिस की एफआईआर के आधार पर दर्ज किया है जिसमें बैंक के पूर्व
अध्यक्ष, महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और सहकारी
बैंक के 70 पूर्व अधिकारियों के नाम हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस
द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी की एफआईआर में शरद पवार का नाम दर्ज किया गया
है। माना जा रहा है कि आरोपियों को एजेंसी द्वारा जल्द ही उनके बयान दर्ज करने के लिए
समन किया जाएगा। ईडी मामले में आरोपियों में दिलीप राव देशमुख, इशरलाल जैन, जयंत पाटिल, शिवाजी
राव, आनंद राव अडसुल, रावेन्द्र शिगाने
और मदन पाटिल शामिल हैं। राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू)
द्वारा दर्ज शिकायत के आधार पर इस साल अगस्त में मुंबई पुलिस ने एक प्राथमिकी
दर्ज की थी। मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने धनशोधन के आरोप में
आपराधिक आरोप लगाए हैं। बंबई उच्च न्यायालय ने मुंबई पुलिस को सभी के खिलाफ एफआईआर
दर्ज करने का आदेश दिया। न्यायालय का मानना था कि इन सभी आरोपियों को बैंक घोटाले के
बारे में पूरी जानकारी थी। बता दें कि महाराष्ट्र में कांग्रेस-एनसीपी सरकार के समय महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक घोटाला चर्चा में आया
था। आरोप था कि बैंक के संचालन मंडल ने नियमों का उल्लंघन करते हुए कथित तौर पर चीनी
मिलों को कम दरों पर कर्ज दिया था। यह मामला ऐसे समय दर्ज किया गया है जब महाराष्ट्र
में 21 अक्तूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। मनी लांड्रिंग के
आरोप में दर्ज इस केस पर जबरदस्त सियासत होने वाली है। केस के लपेटे में एनसीपी के
अलावा कांग्रेस और भाजपा के सहयोगी शिवसेना का भी एक नेता है। भाजपा इसे कानूनी मामला
बता रही है। लेकिन विपक्ष इसे सियासती बदले की भावना का बड़ा मामला बताते हुए चुनाव
प्रचार का फायदा उठाने जा रहे हैं। शरद पवार के अलावा उनके भतीजे अजीत पवार और शिवसेना
के आनंद राव अडसुल के नाम भी आरोपियों में शामिल हैं। कांग्रेस और कुछ एक अन्य दलों
के नेताओं के भी नाम हैं। शरद पवार को वसंत दादा पाटिल के बाद महाराष्ट्र का सबसे बड़ा
नेता माना जा रहा है। खासकर मराठवाड़ा में उनका काफी सम्मान और प्रभाव है। कुछ जानकारों
का मानना है कि केस में पवार और शिवसेना के एक नेता का भी नाम आने से भाजपा को नुकसान
हो सकता है। विपक्ष का यह भी आरोप है कि क्या यह महज इत्तेफाक है कि विपक्षी नेताओं
को चुन-चुनकर टारगेट किया जा रहा है।
No comments:
Post a Comment