Wednesday, 4 September 2019

नए ट्रैफिक नियमों में उल्लंघन की जुर्माना राशि!

दिल्ली की सड़कों पर वैसे तो ट्रैफिक पुलिस वाले रोज ही नियम तोड़ने वालों का चालान काटते हैं, लेकिन रविवार को नजारा कुछ अलग दिख रहा था। कहीं पर कोई ट्रैफिक पुलिस वालों के सामने हाथ जोड़कर छोड़ देने की गुजारिश कर रहा था तो कोई कान पकड़कर माफी मांगते हुए वादा कर रहा था कि आगे से वह कभी रूल नहीं तोड़ेगा। कोई बर्थडे सेलिब्रेशन के लिए जाने की जल्दबाजी में हेलमेट भूल जाने का हवाला दे रहा था, तो कोई नए नियमों की जानकारी न होने की बात कहकर एक बार मौका देने की दुहाई दे रहा था। यह असर था उस बढ़े जुर्माने का जो रविवार एक सितम्बर से लागू हो गया। संशोधित मोटर वाहन एक्ट में रेड लाइट सिग्नल तोड़ने पर 1000 रुपए और नशे में गाड़ी चलाने पर 10 हजार रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है। नए संशोधन के बाद जुर्माने की राशि पांच से 10 गुना तक बढ़ गई है। इसी वजह से पहले जो लोग महज 100 रुपए का चालान कटाकर चलते बनते थे, अब जब उन्हें 1000 रुपए का चालान कटवाना पड़ रहा है तो उनके पसीने छूटने स्वाभाविक है। दिल्ली सरकार के निर्देशानुसार ट्रैफिक पुलिस ने रविवार से नए नियमों के हिसाब से चालाना काटना तो शुरू कर दिया है, लेकिन चूंकि अभी ट्रांसपोर्ट विभाग की तरफ से कुछ जरूरी औपचारिकताएं पूरी होना बाकी हैं, इसलिए ट्रैफिक पुलिस जुर्माने की राशि ऑन द स्पॉट नहीं वसूल रही है, बल्कि कोर्ट के चालान काट रही है यानि अब ट्रांसपोर्ट विभाग की तरफ से नया नोटिफिकेशन जारी होने तक दिल्ली में जितने भी लोगों के ट्रैफिक के चालान कटेंगे, उन सभी को जुर्माना भरने कोर्ट में जाना पड़ेगा। उसके बाद ही चालान जमा हो पाएगा। नए ट्रैफिक नियमों पर विवाद हो गया है। पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश और राजस्थान जैसे गैर-भाजपा राज्यों ने यातायात नियम टूटने पर 10 गुना तक बढ़े जुर्माने पर सवाल उठाए हैं। वहीं राजस्थान सरकार ने कहा है कि हमने कानून तो लागू कर दिया है, लेकिन जुर्माना राशि की सोमवार को समीक्षा करेंगे। मध्यप्रदेश के कानून मामलों के मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि बिना हेलमेट दोपहिया चलाने पर पांच हजार रुपए तक जुर्माना हो सकता है। न चुकाने पर कितने लोगों को जेल में डालेंगे? पहले लोगों को नए नियमों के बारे में जागरूक करें, फिर लागू करें। राजस्थान के परिवहन मंत्री ने कहा कि राज्य में ट्रैफिक नियमों का कानून लागू हो गया है। लेकिन हमारा मानना है कि जुर्माना लोगों की पहुंच में होना चाहिए। मंदी के इस दौर में बहुत से लोगों का पास दो जून की रोटी का इंतजाम नहीं है। ऐसे में उस पर इतना भारी जुर्माना लगाएंगे तो वह गाड़ी कैसे छुड़ाएगा? ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर जुर्माना तो होना चाहिए पर यह राशि बहुत ज्यादा है, इसे कम करना चाहिए।

-अनिल नरेन्द्र

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