प्रकाशित: 04 अगस्त 2013
पाकिस्तान की झूठ और मक्कारता एक बार फिर साबित हो गई है। हर बात, हर आरोप को इंकार करने का आदी पाकिस्तान इस बार खुद एक पाकिस्तानी के हाथों बेनकाब हो गया है। कारगिल युद्ध में शहीद कैप्टन सौरभ कालिया और उनके पांच साथियों की मौत की असलियत और इस बाबत पाकिस्तान का झूठ सालों बाद उजागर हो गया है। यू-ट्यूब पर अपलोड एक वीडियो में एक पाकिस्तानी सैनिक कैप्टन कालिया और उनके साथियों की हत्या की जिम्मेदारी बहुत शेखी भरे अंदाज में कबूल करता दिखा है। अब तक पाक हुक्मरान यही कहते रहे हैं कि कैप्टन कालिया और उनके साथियों की हत्या पाक सैनिकों ने नहीं की बल्कि उनके शव उन्हें एक खाई में पड़े मिले थे। कहा गया कि कैप्टन कालिया और उनके साथियों की मौत सम्भवत खराब मौसम के चलते या जंगली जानवरों के हमले से हुई हो सकती है। लेकिन जिस क्षत-विक्षत हालत में इन लोगों के शव मिले थे, भारत में सभी को यकीन था कि यह पाकिस्तानी सेना की वहशियाना करतूत थी। कैप्टन कालिया और उनके साथियों के शवों को देखकर स्पष्ट था कि उनकी हत्या करने से पूर्व उन्हें जमकर यातना दी गई थी। इन सैनिकों की हड्डियां टूटी हुई थीं और शरीर पर सिगरेट व सलाखों से दागे जाने के निशान थे। यह घटना साफतौर पर युद्धबंदियों से संबंधित जिनेवा संधि का उल्लंघन थी। तब से अब तक कैप्टन कालिया के पिता डॉ. एनके कालिया अकेले ही अपने बेटे के मुजरिमों को सजा देने की लड़ाई लड़ रहे हैं। अब इस वीडियो के आने से मामला साफ हो गया है। आखिरकार करीब 14 साल बाद पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करता इस वीडियो में कैप्टन कालिया की बर्बर हत्या करने वाले पाकिस्तान के फौजी ने खुद इस बात का खुलासा कर पाक को कठघरे में खड़ा कर दिया है। पाक आर्मी चैनल द्वारा प्रसारित एक कार्यक्रम में इस वीडियो को यू-ट्यूब पर जारी किया जा चुका है। पाक फौजी ने कैमरे के सामने कबूला है कि आगे बढ़ रहे कैप्टन कालिया की टुकड़ी पर गोलियों की बौछार की। इसके बाद शवों को अपने तरीके से खुर्द-बुर्द कर इंडियन आर्मी के हवाले कर दिया। बकौल गुल खानदान कैप्टन कालिया और उनके साथियों को मार गिराने की सूचना उन्होंने कैप्टन अली अख्तर को दी। वीडियो में पाकिस्तानी सिपाही गुल खानदान अपनी और अपने साथियों की बहादुरी के किस्से सुना रहा है। इसी दौरान वह कहता है कि वह (कैप्टन कालिया और उनके साथी) शिकार करने आए थे, खुद शिकार हो गए। मैं एलओसी के नजदीक पोस्ट पर तैनात था। हम लोगों ने देखा कि कैप्टन कालिया साथियों के साथ रेकी के लिए सीमा पार कर रहे हैं। हमारे कमांडर ने कहा, उन्हें नजदीक आने दो। हम लोग उन्हें पकड़ना चाहते हैं। लेकिन हमें देखकर भागने की कोशिश करने लगे तो हमने उन पर फायर कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के एक वकील इस वीडियो को बतौर साक्ष्य पेश करने की तैयारी में हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का इतिहास रहा है कि वह पिछले 65 सालों से झूठ ही बोलता रहा है। हमारी सरकार की हिम्मत ही नहीं है कि 65 साल में वह पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे सके। कैप्टन सौरभ कालिया और उनके फौजी साथियों को न्याय मिलना चाहिए। यह लड़ाई सिर्प उनके पिता की नहीं पूरे देश की है। दांव पर है देश की प्रतिष्ठा और सम्मान।
-अनिल नरेन्द्र
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