Sunday, 11 August 2013

एंटनी पाकिस्तान के रक्षामंत्री? क्यों न हो हाफिज सईद में इतनी हिम्मत

 श्री एके एंटनी भारत के रक्षामंत्री हैं या पाकिस्तान के? जिस तरह के वह बयान देते हैं उससे तो यही लगता है कि वह पाकिस्तान के रक्षामंत्री हैं। यह कहना कि पुंछ सेक्टर में भारतीय जवानों पर घात लगाकर हमला करने वाले आतंकी, जो पाक सेना की वर्दी पहने हुए थे पर हंगामा होना ही था। समझ नहीं आया कि एंटनी जैसे सुलझे व्यक्ति ने ऐसा बकवास बयान दे कैसे दिया। यही नहीं, पाकिस्तान की तरह बार-बार बयान भी बदला। 6 अगस्त को कहा कि भारी हथियारों से लैस 20 आतंकियों ने हमला किया। इनमें से कुछ ने पाकिस्तानी सेना की वर्दी पहनी थी। इससे अगले दिन कहा कि मैंने सदन में जो भी जानकारी दी वह उस दौरान तक उपलब्ध सूचना के आधार पर थी। सेना प्रमुख के लौटने पर सदन को पूरा ब्यौरा दूंगा। 8 अगस्त को कहा कि अब यह स्पष्ट है कि पाकिस्तानी सेना का विशेष सैन्य दल ही इस हमले में शामिल था। हम सभी जानते हैं कि पाकिस्तानी सेना के समर्थन, सहायता और सुविधा मुहैया कराए बिना और उसकी प्रत्यक्ष भागीदारी के बिना पाक की ओर से कुछ भी नहीं होता। एंटनी के पहले बयान का नतीजा यह हुआ कि पाकिस्तान और जेहादी संगठनों को न केवल एक बहाना मिल गया बल्कि उनके हौसले भी बुलंद हो गए। तभी तो 26/11 के मास्टर माइंड हाफिज सईद ने कराची में एक रैली में कहा कि साल 2000 में लाल किले पर किए गए हमले को दोहराया जाए। उसने बका कि भारत में साल 2000 जैसा हमला किया जाना बेहद जरूरी है। सईद ने लाहौर में हजारों लोगों के साथ ईद की नमाज अदा की। पाक के प्रसिद्ध गद्दाफी स्टेडियम में ईद की नमाज की अगुवाई की। इसके कुछ घंटे पहले जमात-उद-दावा प्रमुख ने ट्विट किया था। समय नजदीक है जब कश्मीर, फलस्तीन और बर्मा में कुचले गए लोग आजादी की हवा में ईद मनाएंगे। हजारों लोगों ने सईद के साथ ईद की नमाज अदा की। सईद पर एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम है। सईद के पोस्टर शहर के विभिन्न स्थानों पर लगे थे। हम हाफिज सईद को दोषी नहीं कह सकते क्योंकि हमारे अपने रक्षामंत्री उनकी तरफदारी करने में लगे हुए हैं और जिस सरकार के वह मंत्री हैं उसने चूड़ियां पहन रखी हैं। धीरे-धीरे इस घातक हमले की डिटेल्स सामने आ रही है। पुंछ के सरला गांव के पास चीता पोस्ट पर पाकिस्तान की 801 मुजाहिद रेजीमेंट ने ही हमला किया था। हालांकि इस बारे में सेना मुख्यालय का केवल इतना ही कहना है कि जहां हमला हुआ था उसके उस पार 801 मुजाहिद रेजीमेंट ही तैनात है लेकिन खुफिया सूत्र बताते हैं कि हमले में मुजाहिद रेजीमेंट ही शामिल थी। इस रेजीमेंट में लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद की अच्छी घुसपैठ है। हमारी सरकार तो जो कर रही है वह शर्मनाक है पर हमारी सेना क्या कर रही है? कभी वह हमारे जवानों के सिर काट ले जाते हैं तो कभी घात लगाकर सीमा के अन्दर चार सौ मीटर आकर पांच सैनिकों की हत्या कर देते हैं, क्या हमारी सेना ऐसे हमलों के लिए तैयार नहीं रहती? ताजा हमले के बाद हालात का जायजा लेने पुंछ गए जनरल विक्रम सिंह ने उत्तरी कमान के अधिकारियों की जमकर क्लास ली। उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक उन्होंने आधारभूत सवाल उठाया कि एलओसी पर ऐसे कमांडो ऑपरेशन को रोकने के लिए लगे माइंज और रात में भी कारगर तरीके से काम करने वाली एचएमटीआई दूरबीन की सुविधा के बावजूद वह एसएसजी ऑपरेशन को क्यों नहीं रोक पा रहे? जनवरी में भी इसी एसएसजी ने मेंढर इलाके में एलओसी के भीतर घुसकर दो जवानों की हत्या कर दी थी और एक का सिर काटकर अपने साथ ले गए थे। सूत्रों के मुताबिक विक्रम सिंह ने यह सवाल भी उठाया कि जनवरी में जवान के सिर काटने की घटना के बाद तय एमओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेशनल प्रोसीजर) का पालन क्यों नहीं किया। देश की इज्जत तो दांव पर है ही पर उससे ज्यादा भारतीय थल सेना की प्रतिष्ठा भी दांव पर है जो बार-बार वही गलती दोहराती चली आ रही है।

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