Wednesday, 14 August 2013

दुर्गा शक्ति के बाद अब खेमका-वाड्रा प्रकरण

उत्तर प्रदेश की आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन का मामला अभी थमा नहीं कि हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा की कम्पनी स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी और रियल एस्टेट की कम्पनी डीएलएफ के बीच हुए सौदे का फिर से मामला उठाकर नया विवाद आरम्भ कर दिया है। खेमका ने अपनी रिपोर्ट में सीधे-सीधे वाड्रा की कम्पनी पर हेराफेरी और धोखाधड़ी के संगीन आरोप लगाए हैं। खेमका ने सौदे की जांच के लिए गठित तीन सीनियर आईएएस अधिकारियों को हाई पावर कमेटी द्वारा वाड्रा-डीएलएफ डील को क्लीन चिट देने पर भी गम्भीर सवाल खड़े किए हैं। मुख्य सचिव को भेजी अपनी रिपोर्ट में उन्होंने कहा है कि इस जमीन सौदे में कई स्तर पर भारी घालमेल हुआ है। राबर्ट वाड्रा की कम्पनी स्काई लाइट हॉस्पिटेलिटी ने गुड़गांव के सिकोहपुर गांव में 3.53 एकड़ जमीन खरीदी थी। एक महीने के भीतर ही यहां आवासीय कॉलोनी का लाइसेंस लेकर इस जमीन को डीएलएफ को 50 करोड़ रुपए में बेच दिया गया जबकि यह 7.5 करोड़ रुपए में खरीदी गई थी। चकबंदी विभाग के महानिदेशक पद पर रहते हुए खेमका ने इसका म्यूटेशन रद्द कर दिया था। खेमका ने रिपोर्ट में पहला सवाल यही खड़ा किया है कि आखिरकार सिकोहपुर गांव से खरीदी गई जमीन का एक महीने के भीतर ही इतना रेट कैसे बढ़ गया। जमीन को फर्जी कागजों के आधार पर खरीदा गया था, इसकी म्यूटेशन रद्द की गई। खेमका की रिपोर्ट के मुताबिक सिकोहपुर की खरीदी जमीन और डीएलएफ को बेची जमीन की दोनों सेल डीड फर्जी हैं। खेमका के आरोपों का खंडन करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इस मामले में प्रदेश सरकार ने किसी गैर-कानूनी तौर पर बचाव या समर्थन नहीं किया है। मुख्य सचिव को रिपोर्ट सौंपी गई है और वह इस मामले को देखेंगे। कांग्रेस की प्रतिक्रिया थी कि खेमका प्रकरण के पीछे भाजपा का हाथ है और आईएएस अधिकारी अशोक खेमका विपक्ष के हाथों में खेल रहे हैं। कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने वाड्रा के भूमि सौदा विवाद पर खेमका की राय को उठाने के समय पर सवाल उठाया और साथ ही रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के मामले में आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति की भूमिका का समर्थन किया और कहा कि नागपाल और खेमका के बीच तुलना नहीं की जा सकती। नागपाल नियमों पर चल रही हैं और मीडिया के पास नहीं गई हैं जबकि इसके विपरीत यह व्यक्ति (खेमका) टीवी चैनलों पर इंटरव्यू दे रहा है। खेमका द्वारा इस मुद्दे को उठाए जाने का जो समय है वह भी शंका उत्पन्न करता है क्योंकि यह मुद्दा ऐसे समय में आया है जब नागपाल का मुद्दा चर्चा में है। चौंकाने वाली बात यह है कि जब वे चैनलों पर इंटरव्यू दे रहे थे इसके तत्काल बाद भाजपा ने उनके रुख की पुष्टि की। यह साफ जाहिर करता है कि इस सबके पीछे भाजपा है। उधर भाजपा ने कहा कि हेराफेरी के आरोपों के बाद उचित तरीके से जांच की जरूरत है। प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने कहा कि जो भी तथ्य सार्वजनिक हुए हैं वह एक गम्भीर मुद्दा हैं। जब फर्जीवाड़े के आरोप हैं तो उचित तरीके से जांच की जरूरत है। सोनिया गांधी द्वारा उत्तर प्रदेश की निलंबित आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल का समर्थन किए जाने की ओर इशारा करते हुए जावडेकर ने कहा कि अलग-अलग लोगों के लिए हो नियम नहीं लागू हो सकते। अशोक खेमका को बहरहाल आप पार्टी का खुला समर्थन मिला है। आप ने खेमका को भूपेन्द्र सिंह हुड्डा के खिलाफ आम आदमी पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ने का न्यौता देते हुए कहा कि खेमका के ताजा खुलासे से यह साफ हो गया है कि हरियाणा सरकार कई अनैतिक और गैर-कानूनी कार्यों को भी बढ़ावा दे रही है और खुद भी प्रत्यक्ष रूप से इन कार्यों में संलिप्त है। उधर दुर्गा शक्ति का मामला तो इधर राबर्ट वाड्रा का और दोनों में ही आईएएस अधिकारी जुड़े हैं। दुर्गा शक्ति मामले का सेंटरस्टेज पर होने से निश्चित रूप से अशोक खेमका की टाइमिंग पर प्रश्न उठ सकता है पर इससे आरोप नहीं झड़ते। खेमका के आरोपों में कितना दम है कौन तय करेगा? हरियाणा सरकार को कम से कम इतना तो बताना ही चाहिए कि जो खुलासे किए हैं वे सही हैं या नहीं? नियम कायदे की बात करने वाली सरकार को यह बताना चाहिए कि दो साल पहले खेमका का स्थानांतरण गलत था या नहीं? चिट्ठी में जो खुलासे किए गए हैं वह बेहद गम्भीर हैं लिहाजा हरियाणा सरकार को समुचित तथ्यों के साथ सामने आना चाहिए। दुर्गा शक्ति नागपाल के मामले में सक्रिय हुई केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर भी गम्भीरता दिखानी चाहिए। अब तो खुद हरियाणा के सांसद ने भी यह मांग उठा दी है। 
-अनिल नरेन्द्र

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