Friday, 23 August 2013

टुंडा के सनसनीखेज खुलासे से फिर बेनकाब हुआ पाकिस्तान

भारत के खिलाफ आतंकवाद को  बढ़ावा देने के  पीछे पाकिस्तान के हाथ होने की बात बार-बार सामने आती है और हर बार पाकिस्तान इससे इंकार करता है। एक बार फिर इस मामले में पाकिस्तान बेनकाब हो गया है पर आदतन मजबूर पाक इस बार भी इसे हवा में उड़ा देगा। मैं बात कर रहा हूं अब्दुल करीम टुंडा की। टुंडा ने खुलासा किया है कि पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत से भागकर पाक पहुंचे आईएम (इंडियन मुजाहिद्दीन) और बीकेआई (बब्बर खालसा इंटरनेशनल) के आतंकियों की पूरी मदद कर रही  है। उन्हें रहने व रोजगार मुहैया कराने के साथ कई नामों से पाकिस्तानी पासपोर्ट भी दिए गए हैं। इससे अंतर्राष्ट्रीय जांच एजेंसी की पूछताछ में पाकिस्तान यह कहकर बच जाता है कि उसके यहां रहा व्यक्ति पाकिस्तानी नागरिक है या इस नाम का कोई व्यक्ति पाकिस्तान में नहीं रह रहा। अब्दुल करीम उर्प टुंडा ने गिरफ्तारी के बाद कई अहम सवालों के जवाब दिए हैं। मसलन दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में ही आईएसआई की पनाह में रह रहा है। लश्कर को पाकिस्तानी सेना और आईएसआई का समर्थन हासिल है। आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों के संचालन में आईएसआई की भरपूर मदद मिलती है। पाकिस्तान में दाऊद इब्राहिम लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद वगैरह लगातार सम्पर्प में हैं। टुंडा ने पाकिस्तान के अलावा बंगलादेश, नेपाल और भारत में अपनी दहशतगर्दी का मजबूत जाल बिछा रखा है। बम गुरू टुंडा पाकिस्तान के सरहदी इलाकों में गुपचुप चल रहे अलकायदा ट्रेनिंग कैम्प में भी गया था। सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने जब यह सवाल पूछा तो वह पहले तो चुप रहा और बाद में गोलमोल जवाब दिया। टुंडा जेहादी भाषणों के लिए भी खासा लोकप्रिय है। उसे युवाओं को जेहाद के नाम पर आतंकवाद की राह पर धकेलने में महारथ हासिल है। इसलिए आईएसआई ने उसे पाकिस्तान में मदरसा चलाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। कराची में उसका `महदूद तालीम इस्लामी दारुल फनून' नाम से मदरसा है जिसमें 500 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। पूछताछ में टुंडा ने बताया कि मदरसे में पढ़ने वाले बच्चों को जेहाद के अलावा विस्फोटक व हथियारों की ट्रेनिंग भी दी जाती थी। पाक के अन्य शहरों में भी मदरसों में जेहादी भाषण देने के लिए उसे बुलाया जाता था। पाकिस्तान में शेखूपुरा जिले के मुरीदके में स्थित मरकज उज जमात उद दावा मुख्यालय के सामने टुंडा का दो मंजिला मकान है। वहां उसकी तीन पत्नियां व छह बच्चे रहते हैं। टुंडा ने बंगलादेश में 56 साल की उम्र में 18 साल की युवती से तीसरी शादी की थी। मुंबई धमाकों में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ होने और दाऊद इब्राहिम के पाक में छिपे होने के सबूतों को पाकिस्तान सिरे से खारिज करता रहा है। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खास दूत शहरयार खान ने कुछ दिन पहले ही दाऊद से जुड़े तथ्यों को बेबुनियाद बताया था, इसलिए अंदाजा लगाया जा सकता है कि टुंडा के इस खुलासे को पाकिस्तान कहां तक कबूल कर पाएगा कि दाऊद इब्राहिम आईएसआई की सुरक्षा कवच में  रह रहा है और वहां की सेना के साथ भी उसके और लश्कर चीफ के गहरे ताल्लुकात हैं। ऐसे में देखना यह होगा कि भारत किस तरह टुंडा के ताजा खुलासों के आधार पर पाकिस्तान और अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी पर दबाव बना पाता है। कसाब को आखिरी समय तक अपना नागरिक मानने से इंकार करने वाला पाक एक बार फिर बेनकाब हो गया है।
अनिल नरेन्द्र

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