Sunday, 25 August 2013

दिल्ली के बाद अब मुंबई हिली गैंगरेप से

16 दिसम्बर 2012 को दिल्ली के वसंत विहार इलाके में पैरामेडिकल छात्रा से बस में हुई गैंगरेप की वारदात के बाद कठोरतम कानून बनाने के बाद भी यह वहशी बाज नहीं आ रहे। वसंत विहार केस की घटना के बाद कई ऐसी घटनाएं हुई हैं। ताजा घटना मुंबई की है। देश की आर्थिक राजधानी व महिलाओं के लिए सुरक्षित मानी जाने वाली मुंबई में बृहस्पतिवार को एक 23 वर्षीय महिला फोटोग्राफर को पांच वहशी दरिन्दों ने अपनी हवस का शिकार बनाया। पीड़िता अपने एक सहकर्मी के साथ काम के सिलसिले में परेल इलाके में स्थित बन्द पड़े मिल्स के कम्पाउंड के फोटो खींचने गई थी। वहां पांच वहशियों ने मौका पाकर पीड़िता के साथी को पत्थर से बांध दिया और फिर युवती से गैंगरेप किया। इस घटना ने 16 दिसम्बर को दिल्ली में गैंगरेप की याद ताजा कर दी तो लोगों का गुस्सा फिर भड़क उठा। देश में सड़कों से लेकर संसद तक में मुद्दा उठा। मुंबई पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 24 घंटे के भीतर ही इस मामले को सुलझा लेने का दावा किया है। पुलिस का दावा है कि इस मामले में संलिप्त पांच में से एक अपराधी को गिरफ्तार कर लिया गया है। दो अपराधियों सहित चार अन्य  की पहचान कर ली गई है। उनकी धरपकड़ के लिए गहन तलाशी अभियान जारी है। गिरफ्तार व्यक्ति का नाम मोहम्मद अब्दुल उर्प चांद है जबकि विजय जाधव, कासिम बंगाली, सलीम और अशफाक फरार हैं। घटना बृहस्पतिवार शाम छह बजे के करीब घटी। पीड़िता और उसका साथी कुछ तस्वीरें लेने के लिए सुनसान पड़े शक्ति मिल्स परिसर में गए थे। वहां पांचों आरोपी उनके पास आए। उनमें से एक ने पीड़िता के मित्र से कहा कि कुछ दिन पहले इलाके में हुई एक हत्या में उसका हाथ है। जब पीड़िता के मित्र ने कहा कि वह पहली बार इस जगह पर आया है तो आरोपी ने एक साथी को फोन किया जो तुरन्त ही वहां पहुंच गया और कहने लगा कि उसे भी हत्या में फोटो पत्रकार के इस साथी का ही हाथ हेने का शक हो रहा है। आरोपियों ने पीड़िता के दोस्त को पत्थर से बांध दिया और युवती के साथ गैंगरेप किया। बड़े दुख से कहना पड़ता है कि हमारे समाज का मानसिक नजरिया बिल्कुल नहीं बदला। 16 दिसम्बर की घटना के बाद जिस तरह पूरे देश में रोष पैदा हुआ था, सरकार ने भी सख्ती दिखाई थी तो उससे लगा था कि शायद अब यह दरिन्दे ऐसा कुकर्म करने से पहले थोड़ा सोचेंगे पर कुछ नहीं बदला। जिस दिन मुंबई की यह घटना हुई उसी दिन दिल्ली में उत्तम नगर इलाके में नौकरी का झांसा देकर एक शादीशुदा महिला से सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया। इस मामले में गिरफ्तार दो मुलजिमों को पेशी के बाद कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। मुलजिमों के नाम मोहित उर्प मोनू व विकास हैं। तीसरा अपराधी फरार है। देश की बहू-बेटियों के साथ सामूहिक दुष्कर्म रोकने, दोषियों को सजा और पीड़िता की मदद के लिए सरकार कितनी गम्भीर है 16 दिसम्बर की घटना से ही पता चल जाता है। लगभग 8 महीने हो गए उस घटना को और अभी अदालत में केस चल ही रहा है। पता नहीं कब फैसला होगा, जब उस फैसले पर अमल होगा? उम्मीद की जानी चाहिए कि इसी वर्ष केस का फैसला हो जाएगा और कसूरवारों को सजा। सजा का डर ही इन वहशियों को रोक सके तो रोके वैसे तो यह बाज आने वाले नहीं हैं।

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