Thursday, 15 August 2013

मुस्लिम बहुल हैदराबाद व कांग्रेस गढ़ से मोदी का मिशन 2014 का श्रीगणेश


भारतीय जनता पार्टी का चेहरा बने नरेन्द्र मोदी ने भाजपा के मिशन 2014 का धमाकेदार श्रीगणेश कर दिया है। रविवार को नरेन्द्र मोदी ने हैदराबाद में `नवभारत युवा मेरी' के जरिए एक विशाल रैली को सम्बोधित करते हुए कांग्रेस नीत केंद्र सरकार की नाकामियों को गिनाते हुए भविष्य का एक सपना दिखाने का प्रयास किया है। हैदराबाद की इस रैली में नरेन्द्र मोदी के भाषण में सब कुछ था, नहीं थी तो कट्टरता। कांग्रेस को सबसे ज्यादा सांसद देने वाले आंध्र प्रदेश की राजधानी में अगर लाखों लोग घंटों प्रतीक्षा करके एक भाजपा वह भी उत्तरी भारतीय को सुनने आए तो इससे मोदी की बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। मेरा नहीं ख्याल कि किसी भी पार्टी का कोई भी नेता इतनी बड़ी रैली नहीं कर सकता जैसी मोदी की यह रैली हुई। मोदी के निशाने पर थी कांग्रेस और उसकी यूपीए सरकार। मोदी ने तेलुगू भाषा से भाषण शुरू कर खुद को सिर्प गुजराती या उत्तरी भारतीय नेता होने की छवि मिटाने का प्रयास भी किया। आमतौर पर हर भाषण में गुजरात का उदाहरण देने वाले मोदी ने इस सभा में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व तमिलनाडु की जमकर तारीफ की। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तारीफ करते हुए कहा कि एमपी की लाडली योजना से दूसरे राज्यों को सबक लेना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने रमन सिंह और जयललिता सरकार की योजनाओं की भी प्रशंसा की। हैदराबाद के लाल बहादुर स्टेडियम में आयोजित इस रैली में मोदी ने कहा कि कांग्रेस देश पर बोझ बन गई है। दिल्ली की सल्तनत देश को सुरक्षा नहीं दे सकती। यूपीए सरकार हर मोर्चे पर फेल हो गई है। वह देश की हिफाजत नहीं कर सकती, क्योंकि वह गले तक वोट बैंक की राजनीति में डूबी हुई है। मोदी ने कहा कि भारतीय सीमा में घुसकर पाकिस्तानी सैनिकों ने पांच भारतीय जवानों की बेरहमी से हत्या कर दी और प्रधानमंत्री ने मुंह तक नहीं खोला। मोदी ने कहा कि दिल्ली की सल्तनत ने एक के बाद एक लगातार ऐसे काम किए जिससे राजनेताओं से जनता का भरोसा उठ गया। यह भरोसा दोबारा कायम करना है तो जनशक्ति के विकास मंत्र लेकर आगे चलना होगा और सबको विकास की धारा से जोड़ना होगा। तेलंगाना गठन भाजपा का संकल्प रहा था, लेकिन मोदी सीमांध्र  को अलग छोड़ना नहीं चाहते। लिहाजा उन्होंने दोनों की भावना को सहलाया, साथ ही तेलुगूदेशम पार्टी (टीडीपी) व अन्नाद्रमुक को चारा भी डाल दिया। वर्तमान कटुता का हवाला देते हुए कहा कि भाजपा दोनों राज्यों का समानांतर विकास चाहती है। इसके लिए सोच और इच्छाशक्ति होनी चाहिए। भीड़ से उन्होंने `जय तेलंगाना, जय सीमांध्र का नारा' लगवाकर एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया। हैदराबाद में मोदी ने पांच मंत्र भी दिए। इंडिया फर्स्ट-एक ही मजहब। भारत का संविधान एक ही धर्मग्रंथ। देश की एक ही शक्ति जनशक्ति। एक ही भक्ति-राष्ट्रभक्ति और एक ही लक्ष्य-कांग्रेस फ्री इंडिया। मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के अंदाज पर भाषण का समापन किया। ओबामा की तरह रैली में मौजूद लोगों से यस वी कैन, यस वी डू के नारे लगवाए। जनसभा का महत्व इसलिए भी बढ़ता है कि जनसभा में आने वाले लोगों से बतौर शुल्क पांच रुपए लिए गए। इसके बावजूद एक लाख से ज्यादा लोग स्टेडियम में मौजूद थे। बहुत से लोगों को स्टेडियम में जगह नहीं मिल सकी और वे बाहर ही रह गए। जमा रकम को उत्तराखंड आपदा राहत कोष में दान किया जाएगा। मोदी ने कहा कि आज खाने को रोटी नहीं, पहनने को कपड़ा नहीं और बीमार को दवाई नहीं मिल रही है। नरेन्द्र मोदी के अभियान की शुरुआत पहले उत्तर प्रदेश से करने की भाजपा की योजना थी। लेकिन उत्तर भारत के बजाय पार्टी ने प्रधानमंत्री पद के अपने अघोषित उम्मीदवार से चुनावी रणभेरी उत्तर भारत की बजाय दक्षिण के हैदराबाद शहर से बजवाई। हैदराबाद वैसे भी मुस्लिम बहुल है, जहां लोकसभा सीट पर कांग्रेस सहयोगी एमआईएम का कब्जा है। तेलुगू भाषियों का दिल जीतने के लिए और कांग्रेस के गढ़ में धावा बोलकर नरेन्द्र मोदी ने मिशन 2014 का शानदार आगाज जरूर किया है।
-अनिल नरेन्द्र

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