Saturday, 6 December 2014

यादव सिंह की डायरी से मठाधीश अफसरों, बिल्डरों, नेताओं की नींद उड़ी

नोएडा, ग्रेटर नोएडा एवं यमुना विकास प्राधिकरण के पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह पर आयकर विभाग का शिकंजा कसने के बाद से जनपद के कुछ मठाधीश अफसरों और बिल्डरों की नींद उड़ना स्वाभाविक ही है। ऊंचे रसूख के कारण लम्बे समय तक तैनाती, स्थानांतरण के बाद पुन गाजियाबाद में  लौट आना, गलत फैसले लेने और गंभीर अनियमितताओं की वजह से कुछ अफसर हमेशा चर्चा में रहे हैं। कुछ को सीबीआई जांच का भी सामना करना पड़ा है। सूत्रों का कहना है कि चीफ इंजीनियर यादव सिंह प्रकरण में आयकर विभाग की कार्रवाई से जिला प्रशासन, जीडीए, नगर निगम, विद्युत विभाग, आवास परिषद, पुलिस आदि विभाग के कई सेवारत और सेवानिवृत्त अफसर बेचैनी में हैं। उधर खबर है कि यादव सिंह के काले कारनामों की एक डायरी भी सामने आई है। सोमवार को लॉकर से बरामद हुई इस डायरी में यादव सिंह की तैनाती-बहाली और फर्श से अर्श तक पहुंचने की पुंडली दर्ज है। इसमें उसके मददगार अफसरों और नेताओं का नाम दर्ज है, जो मलाई खाकर उसे मलाईदार पोस्टिंग दिलाते रहे। आयकर विभाग के अफसरों ने सोमवार को पूरी रात इस डायरी के सिलसिले में यादव सिंह और उनकी पत्नी कुसुमलता से पूछताछ की। इससे पहले यादव सिंह के घर से भी एक डायरी बरामद हुई थी, जिसमें काली कमाई में कमीशन कहां-कहां जाता था यह दर्ज है। सोमवार को आयकर विभाग के अफसरों ने यादव सिंह के सामने ही दिल्ली में एक लॉकर खोला था। इस लॉकर से कारोबारी दस्तावेज के साथ ही डायरी बरामद हुई थी। इस डायरी को पढ़कर अफसर भौचक्के रह गए। डायरी में लखनऊ से लेकर दिल्ली तक की राजनीति करने वाले कुछ बड़े नेताओं और अफसरों की कारगुजारी दर्ज है। बताया जा रहा है कि नेताओं और अफसरों ने यादव सिंह की बहाली कराने एवं कमाऊ तैनाती कराने के कब और कितनी सुविधा शुल्क की उगाही की यह सब दर्ज है। हजार करोड़ के बादशाह यादव सिंह ने काली कमाई के लिए अपने  बेटे का सरनेम तक बदल डाला ताकि बेटे की ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में पोस्टिंग में किसी तरह की दिक्कत न हो। यादव सिंह का बेटा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में एक मलाईदार पोस्ट पर नियुक्त है। बशर्ते उनका नाम यादव सिंह के सरनेम से अलग सनी यादव है। यादव सिंह की काली कमाई बढ़ाने में शहर के कई बड़े बिल्डर भी शामिल हैं। जिन्होंने मोटा पैसा खिलाकर सस्ते दामों पर यादव सिंह के जरिये जमीन आवंटित कराई। इससे जुड़े कुछ दस्तावेज भी विभागीय टीम को मिले हैं। सूत्रों ने बताया कि छापेमारी के दौरान करीब 12 बोरों में फाइलें एकत्रित की गई थीं। जिनमें अधिकतर फाइलें बिल्डरों की जमीन आवंटन से संबंधित हैं। यादव सिंह पर मनी लांड्रिंग का भी शिकंजा कस सकता है। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) यादव सिंह के खिलाफ मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज करने की तैयारी में है। आयकर विभाग की टीम का यादव पर शिकंजा कसने से कइयों की नींद हराम हो गई है। देखें, आगे चलकर क्या-क्या चौंकाने वाले रहस्य उभर कर आते हैं।

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