Saturday 13 December 2014

धर्मांतरण ने भाजपा को धर्म संकट में डाला

आगरा में घर वापसी के नाम पर जो कुछ हुआ उसने तूल तो पकड़ना ही था खासकर इसलिए कि जो मुस्लिम कथित रूप से हिन्दू धर्म में लौटे वे ही सवाल खड़े कर रहे हैं। संसद से लेकर सड़क तक इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। राज्यसभा में इस बात पर इतना हंगामा हुआ कि केंद्र सरकार ने इससे पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह राज्य सरकार का मामला है। गौरतलब है कि आगरा में सोमवार को घर वापसी के नाम पर करीब 60 मुस्लिम परिवारों का धर्म परिवर्तन कराया गया। ऐसा लगता है कि घर वापसी का यह आयोजन जल्दबाजी में और दिखावे के लिए किया गया। आरएसएस और  बजरंग दल ने दावा किया कि ये स्वेच्छा से हिन्दू बने हैं। लेकिन अगले ही दिन मीडिया में उन परिवारों के कुछ सदस्यों ने कहा कि धर्म परिवर्तन का यह नाटक उन्हें तरह-तरह के प्रलोभन देकर कराया गया है। कुछ का कहना था कि उन्हें आधार कार्ड और प्लाट जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने का वादा किया गया था। जो भी हो यह भी एक तथ्य है कि भारत में एक समय बहुत से लोगों को जोर-जबरदस्ती से इस्लाम का अनुयायी बनाया गया और यही कारण है कि आज भी तमाम मुस्लिम यह स्वीकार करते हैं कि उनके पूर्वज हिन्दू थे, लेकिन उनकी घर वापसी कभी भी आसान नहीं रही। एक कटु सत्य यह भी है कि गरीबों की सेवा के नाम पर सक्रिय ईसाई मिशनरियों ने बड़े पैमाने पर लोगों को तरह-तरह के लालच देकर ईसाई बनाया। यह काम तो अभी भी पूर्वोत्तर राज्यों में चल रहा है। इन तथ्यों के बावजूद हिन्दू संगठन घर वापसी के नाम पर ऐसा कुछ करें जिससे विवाद पैदा हो सही नहीं माना जा सकता। उपासना पद्धति एक व्यक्तिगत मामला है जहां न तो जोर-जबरदस्ती चलनी चाहिए और न ही प्रलोभन इत्यादि। इससे भाजपा को कोई फायदा नहीं होने वाला है उलटा नुकसान ही होगा। विकास के नारे पर अपनी पहचान बनाने में जुटी भाजपा को धर्मांतरण के मामले में ज्यादा फायदा नहीं होने वाला। पार्टी को लग रहा है कि इससे उसका एजेंडा पटरी से उतर सकता है। यही वजह है कि पार्टी की कोशिश है कि यह मामला जल्द निपटना चाहिए। धर्मांतरण का एक ऐसा ही कार्यक्रम 25 दिसम्बर को अलीगढ़ में आयोजित किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि वहां कई ईसाई परिवार स्वेच्छा से हिन्दू धर्म अपनाएंगे। धर्म परिवर्तन बेहद संवेदनशील मामला है। हमारे देश में किसी भी व्यक्ति को कोई भी धर्म मानने की स्वतंत्रता संविधान से मिली हुई है। कोई चाहे तो वह अपना धर्म बदल सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ कानूनी प्रावधान किए गए हैं। धर्म बदलने से पहले इस बात की सूचना बाकायदा प्रशासन को देनी होती है। दबाव या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराना कानून के विरुद्ध है। उत्तर प्रदेश में चूंकि चुनाव होने वाले हैं ऐसे में राज्य की कुछ विपक्षी पार्टियों को लगता है कि उन्हें राजनीतिक तौर पर इससे फायदा होगा। हमारा तो बस इतना कहना है कि जो कुछ हो वह देश के कानून के तहत ही हो।

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