Saturday, 6 December 2014

मामला बाबाओं और उनके डेरों का

पिछले कुछ दिनों से तथाकथित बाबाओं, उनके डेरों व उनकी गतिविधियां मीडिया की सुर्खियों में हैं। देश की विभिन्न अदालतों में, राज्यों में इनकी गतिविधियां चर्चा का विषय बनी हुई हैं। चलिए इनके बारे में बताते हैं। नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में सवा साल से जेल में बंद कथावाचक आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है। जस्टिस टीएस ठाकुर की अगुवाई वाली पीठ ने अंतरिम जमानत अर्जी की सुनवाई टालते हुए कहा कि आसाराम को चिकित्सा आधार पर जमानत देने की तत्काल कोई जरूरत नहीं है, उन्हें विशेष रियायत नहीं दी जा सकती। राजस्थान की जेल में बंद आसाराम ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मांगी थी। पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने एक जनहित याचिका के रूप में दाखिल करने की इस पर सिफारिश की कि सिरसा के डेरा सच्चा सौदा में हथियारों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हिसार के सतलोक आश्रम से हथियार मिलने के बाद एमिकस क्यूरी ने हाई कोर्ट को डेरा सच्चा सौदा में हथियारों का प्रशिक्षण दिए जाने की जानकारी देते हुए आर्मी इंटेलीजेंस की ओर से जारी एक एडवाइजरी पेश की थी। एमिकस क्यूरी ने सभी डेरों की जांच की सलाह भी दी थी, जिसे हाई कोर्ट ने मंजूर कर लिया था। डेरा सच्चा सौदा संबंधी रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए सोमवार को हाई कोर्ट ने कहा कि डेरों और आश्रमों को हथियारों और बारूद का डम्पिंग ग्राउंड न बनने दिया जाए। एक अन्य मामले में पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को नूरमहल स्थित दिव्य ज्योति जागृति संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज का 15 दिन में अंतिम संस्कार करने का आदेश दिया है। सोमवार को महाराज का शव सौंपे जाने की मांग संबंधी याचिका पर फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि पंजाब के डीजीपी की निगरानी में एक समिति गठित की जाए जो अंतिम संस्कार की व्यवस्था करेगी। डाक्टरों द्वारा आशुतोष महाराज को मृत घोषित किए जाने के बाद संस्थान के प्रबंधक उनकी मौत को मानने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि महाराज ने समाधि ली है और वे दोबारा जीवित हो जाएंगे। इसलिए उन्होंने आशुतोष महाराज के शव को 10 महीने से फ्रीज में रख दिया था। तब से उनका शव फ्रीज में ही है। आशुतोष महाराज 28 जनवरी मंगलवार की रात को साढ़े 12 बजे ध्यान में बैठे थे। उन्हें सांस लेने में कुछ दिक्कत हुई तो डेरा प्रबंधकों ने ही तत्काल चिकित्सकों की टीम को बुलाया जिन्होंने रात को करीब ढाई बजे तक जांच की। उनकी नब्ज व दिल की धड़कन बंद थी। अंतत डाक्टरों ने महाराज को मृत घोषित कर दिया था। 11 दिनों की पुलिस रिमांड पर चल रहे सतलोक आश्रम के रामपाल की रिमांड अवधि सात दिन और कोर्ट ने बढ़ा दी है। इस अवधि में रामपाल से पुलिस आश्रम से जुड़े सच और साक्ष्यों को जुटाएगी। कुल मिलाकर सारे बाबाओं के ग्रह गर्दिश में चल रहे हैं और इनकी चौंकाने वाली गतिविधियां उभर कर सामने आ रही हैं। अगर सारे डेरों की जांच सख्ती से होती है तो पता नहीं क्या-क्या निकलता है?

-अनिल नरेन्द्र

No comments:

Post a Comment