Sunday, 7 December 2014

भारत-पाक में टकराव करा सकते हैं ये आतंकी संगठन

अमेरिका के सुरक्षा विभाग जिसे पेंटागन कहा जाता है ने बड़ी सटीक टिप्पणी की है। पेंटागन के एक शीर्ष कमांडर ने कहा है कि अमेरिका को पाकिस्तान पर इस बात के लिए दबाव बनाए रखना चाहिए कि वह अपने सीमा क्षेत्र में सभी आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे। कमांडर ने साथ ही हिंसक आतंकवादी संगठनों को लेकर चिंता जताई और कहा कि ये संगठन भारत और पाकिस्तान के बीच एक और लड़ाई शुरू करा सकते हैं। अमेरिकी प्रशांत कमान के लिए नामित एडमिरल हैरी हैरिस ने सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों से कहाöअमेरिका को यह सुनिश्चित करने के लिए अपने प्रयास जारी रखने चाहिए कि पाकिस्तान अपनी सीमा में सभी आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करे। वास्तविक स्थिति यह है कि पाकिस्तान हर तरह से संभव मदद इन आतंकी संगठनों की कर रहा है। मुंबई के आतंकी हमलों के मास्टर माइंड और अब अमेरिका की आतंकी सूची तक में दर्ज लश्कर--तैयबा का मुखिया हाफिज सईद पाकिस्तान सरकार के संरक्षण में न केवल महफूज है बल्कि नवाज शरीफ की सरकार उसे अपना जाल फैलाने में हर संभव इमदाद भी दे रही है। पाकिस्तान में हर सभा, जुलूस व रैली में भारत के ही खिलाफ जहर उगलने वाला सईद गुरुवार से लाहौर में अपने संगठन जमात उल दावा का दो दिवसीय जलसा कर रहा है, जिसमें भीड़ पहुंचाने के लिए शरीफ सरकार ने दो विशेष रेलगाड़ियां चलाई हैं। क्या यह महज इत्तेफाक है कि गुरुवार को यह समारोह आरंभ होता है और शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने ताबड़तोड़ चार हमले कर पूरे कश्मीर को दहला दिया। चार हमलों में सेना के एक बड़े अफसर समेत 11 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए और कुल आठ आतंकवादियों को हमारे सुरक्षा बलों ने ढेर कर दिया। यह हमले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कश्मीर दौरे से तीन दिन पहले हुए हैं। यह भी किसी से छिपा नहीं कि कश्मीर में दो राउंड के मतदान में भारी मतदान से भी पाकिस्तान और उसके पालतू जेहादी संगठन बौखला गए हैं और वह किसी भी कीमत पर चुनाव में बाधा डालना चाहते हैं। दरअसल कश्मीरी अवाम द्वारा बुलैट के बदले बैलेट को अपनी पहली पसंद मान रहे हैं और यह बात न तो पाकिस्तान को हजम हो रही है और न ही इन जेहादी संगठनों को। जिस ढंग से नवाज शरीफ सरकार ने हैदराबाद और कराची से दो विशेष गाड़ियां चलाने का फैसला किया है उससे उसका दोहरा चरित्र उजागर होता है। हाफिज सईद भारत का मुजरिम तो है ही जिसके खिलाफ सैकड़ों पुख्ता सबूत दोनों अमेरिका और पाकिस्तान को सौंपे जा चुके हैं किन्तु पाकिस्तान उन्हें काफी नहीं मानता। अब तो अपनी करतूतों से पाकिस्तान अमेरिका की आंखों में भी धूल झोंक रहा है क्योंकि अमेरिका ने सईद के जमात उल दावा को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। हमें यह समझ नहीं आता कि अमेरिका ने हाफिज सईद को पकड़ने के लिए कोई कार्रवाई आज तक क्यों नहीं की। हाफिज सईद अमेरिका की मोस्ट वांटेड लिस्ट में है। पाकिस्तान की हालत इतनी खराब है कि वहां की चुनी हुई नवाज शरीफ सरकार की हुकूमत इस्लामाबाद तक ही सीमित है। दरअसल आंतरिक विरोधों से जूझ रहे शरीफ खुद इतने कमजोर हो गए हैं कि उन्हें अपनी सत्ता बचाने के लिए आतंकी संगठनों और उनके सरगनाओं पर निर्भर रहना पड़ रहा है। आतंकी संगठनों का इस्तेमाल पाक सेना व आईएसआई अच्छी तरह करना जानते हैं। पेंटागन की चेतावनी इसलिए सटीक बैठती है। अगर पाकिस्तान ने इन (जेहादी संगठनों) को काबू नहीं किया तो यह संभव है कि इनके लगातार हमलों से भारत-पाक युद्ध न छिड़ जाए।

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