Wednesday, 31 December 2014

मारा गया पेशावर स्कूली बच्चों को मारने वाला मास्टरमाइंड

पेशावर कत्लेआम के हर बीतते घंटे और दिन के साथ इसकी निंदा करने व इसकी मुखालफत में पाकिस्तानी जिस तरह से एकजुट हुए हैं, हो रहे हैं, उसे देखकर पाकिस्तानी तालिबान निश्चित ही दहशत में होगा। मासूम बच्चों के कातिलों से बदला लेने की मांग इतनी जोर पकड़ चुकी है कि जो मुल्ला दहशतगर्दों के हिमायती थे वह भी नाराज लोगों के सुर में सुर मिलाने पर मजबूर हो गए हैं और वजीर--आजम नवाज शरीफ तालिबान के खिलाफ व अन्य दहशतगर्दों के खिलाफ कार्रवाई करने पर मजबूर हो गए हैं। ताजा खबर के अनुसार पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के हाथ एक बड़ी कामयाबी लगी है। उन्होंने देश के बेहद अशांत खैबर एजेंसी इलाके में तालिबान कमांडर सद्दाम को मार गिराने का दावा किया है। समझा जाता है कि सद्दाम पेशावर के आर्मी स्कूल हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता था, जिसकी तलाश की जा रही थी। पाक में 16 दिसम्बर को आर्मी स्कूल में हुए देश के अब तक के सबसे निर्मम आतंकी हमले में 141 बच्चों समेत 150 लोग मारे गए थे। खैबर एजेंसी के राजनीतिक प्रतिनिधि शहाब अली शाह ने बताया कि जमरूद के गुंदी इलाके में सुरक्षा बलों ने अपने एक अभियान में सद्दाम को बृहस्पतिवार को मार गिराया और उसके एक सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया। पाकिस्तान ने शुक्रवार को आतंकियों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए संघीय आतंकवाद निरोधी बल का गठन भी किया है। इसके अलावा वित्तीय इकाइयों को निर्देश दिए गए हैं कि वह आतंकियों को मिलने वाली आर्थिक मदद की जांच करें। इसके साथ-साथ पाक ने एक पैनल भी गठित किया है जो इस नासूर से निपटने के लिए बनाई गई योजनाओं को लागू करने पर नजर रखेगा। इस दौरान पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने लाहौर की मशहूर कोट लखपत जेल पर हमले की आतंकियों की साजिश को नाकाम करने का दावा किया है। इस  जेल में पांच खूंखार आतंकियों समेत मौत की सजा पाए कम से कम 50 आतंकी बंद हैं। लाहौर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने आतंकियों की साजिश को नाकाम किया है और कोट लखपत जेल के पास फरीदकोट कॉलोनी से दो महिलाओं और एक पुरुष को गिरफ्तार किया है। अधिकारी ने बताया कि गुरुवार को उनके पास से एक रॉकेट लांचर, सुरक्षा एजेंसियों की वर्दियां, जूते, बंदूकें, तीर-कमान, मोबाइल फोन बरामद किए हैं। कोट  लखपत जेल में सैन्य अदालतों द्वारा मौत की सजा पाए पांच खूंखार आतंकियों समेत कम से कम 50 आतंकी बंद हैं। आज स्थिति यह है कि पाकिस्तानी अवाम में जिस थोड़े से हिस्से में तहरीक--तालिबान के लिए हमदर्दी थी वह भी भाप की मानिंद उड़ गई है। पेशावर हत्याकांड ने हुकूमत को यह हिम्मत दी है कि दहशतगर्दी और दहशतगर्दों से निपटने के लिए वह अपने सभी तरह के हथियारों का इस्तेमाल करे। पेशावर की वारदात ने पाकिस्तान को बदल दिया है। जैसा कि नवाज शरीफ ने कहा है कि पाकिस्तान की धरती से आतंकवाद को मिटाने के संयोग में लगे हैं। यह आसान नहीं है, मगर हुकूमत ने मजबूत इरादा तो दिखाया है।

-अनिल नरेन्द्र

No comments:

Post a Comment