Sunday 7 December 2014

मोदी का मिशन पूर्वोत्तर ः भगवा क्रांति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आजकल पूर्वोत्तर राज्यों में अपना सारा ध्यान लगा रहे हैं। नरेंद्र मोदी की इच्छा देश के पूर्वोत्तर राज्यों में भगवा क्रांति लाने की है। सोमवार को एक सार्वजनिक सभा में जब उन्होंने अपनी इस मंशा का खुलासा त्रिपुरा के वामपंथी मुख्यमंत्री माणिक सरकार के सामने किया तो एकबारगी सन्नाटा फैल गया। लेकिन मोदी ने तुरन्त साफ किया कि भगवा क्रांति से उनका आशय ऊर्जा क्रांति से है। पूर्वोत्तर राज्यों में ऊर्जा का अपार भंडार है और केंद्र सरकार यहां के राज्यों के साथ मिलकर इस क्षेत्र को भारत का प्रमुख ऊर्जा हब बनाने को तैयार है। ओएनजीसी की गैस आधारित त्रिपुरा पॉवर कंपनी की दूसरी इकाई का उद्घाटन करने के अवसर पर मोदी अपने पूरे रंग में थे। वे पिछले तीन दिनों तक पूर्वोत्तर राज्यों में ही रहे। यह शायद पहला मौका है जब देश के प्रधानमंत्री लगातार तीन दिनों तक पूर्वोत्तर राज्यों में रहे। कुछ लोग इसे भारतीय जनता पार्टी की इस हिस्से में पैर जमाने की कोशिश के तौर पर भी देख रहे हैं। असम, मेघालय और नागालैंड के बाद अगरतला में जिस तरह की भीड़ उमड़ी उसे देखकर मोदी के भगवा क्रांति के आह्वान का दूसरा ही मतलब निकाला जा रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ यहां आ चुके थे और लोगों से जुड़ी महत्वपूर्ण समस्याओं को सुलझाने के लिए कई घोषणाएं भी उन्होंने की थीं। इससे क्षेत्र के लोग खासे उत्साहित हुए जिसका नतीजा पूर्वोत्तर में भाजपा के अभूतपूर्व प्रदर्शन के रूप में दिखा। असम में कुल 14 लोकसभा सीटों में से आधी यानि सात सीटें भाजपा को मिलीं। भाजपा की इस जीत की वजह यूपीए सरकार के खिलाफ लोगों की नाराजगी तो थी ही, बांग्लादेशी घुसपैठ और अरुणाचल प्रदेश में बन रही जल विद्युत परियोजना जैसे मुद्दों पर राज्य की कांग्रेस सरकार की नाकामी भी एक बड़ी वजह थी। मोदी ने पूर्वोत्तर राज्यों के लिए एक्ट ईस्ट का नया नारा भी दिया। पूर्वोत्तर राज्यों को जापान की मदद से औद्योगिक कारिडोर बनाया जाएगा, जो बांग्लादेश से लेकर म्यांमार तक फैला होगा। इस बारे में मोदी की जापान यात्रा के दौरान समझौता भी हुआ था। मोदी ने पूर्वोत्तर राज्यों को विकास के लिए भारतीय ध्वज में प्रयुक्त चार रंगों के आधार पर चार तरह की क्रांति करने की सलाह दी। इसमें हरा रंग कृषि क्रांति का द्योतक है, सफेद रंग से प्रेरणा लेकर दुग्ध क्रांति शुरू की जा सकती है। इसी तरह मोदी ने भगवा रंग को ऊर्जा क्रांति और अशोक चक्र में इस्तेमाल नीले रंग को जल क्रांति से जोड़ा। राज्य सरकार ने केंद्र से क्षेत्र में रेल नेटवर्प बनाने, बांग्लादेश से चटगांव बंदरगाह से राज्य को जोड़ने समेत कई ढांचागत परियोजनाओं की मांग भी की। बहरहाल अवैध घुसपैठ, भूमि हस्तांतरण समझौता, मूल निवासियों के हितों की रक्षा जैसे भावनात्मक मुद्दे हैं जिसे नजरअंदाज कर कोई भी पार्टी यहां अपना आधार बनाने में सफल नहीं हो सकती। लिहाजा भाजपा खासकर मोदी को अविलंब इन मुद्दों पर पहल करनी चाहिए ताकि यहां की जनता की मायूसी दूर हो और वह भाजपा की ओर आकर्षित हो सके।

-अनिल नरेन्द्र

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