Tuesday 23 December 2014

जेहादी आतंकी संगठनों ने महिलाओं व बच्चों पर कहर बरपाया

आजकल पूरी दुनिया में आतंक की खबरें पढ़कर दिल दहल जाता है। बच्चे, महिलाएं भी अब इन आतंकी संगठनों के निशाने पर आ चुके हैं। आए दिन महिलाओं पर आतंकियों के कहर की खबरें पढ़ने को मिल रही हैं। सीरिया और इराक में आतंक का साम्राज्य स्थापित करने की चाह रखने वाले बर्बर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ने कथित रूप से इराक के फल्लुजाह में 150 लड़कियों और महिलाओं को सिर्प इसलिए मौत के घाट उतार दिया कि उन्होंने एक आतंकी संगठन के जेहादियों से निकाह करने से इंकार कर दिया था। डेली मेल अखबार की गत बृहस्पतिवार को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार इराक के मानवाधिकार मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी है कि अबु अनस अल लिबी नामक संगठन के खूंखार हत्यारों ने अल अनवर प्रांत में हिंसा का यह तांडव मचाया। अबु अनस ने इन महिलाओं को जेहादियों से पहले निकाह करने को कहा। इन महिलाओं ने जब निकाह से इंकार कर दिया तो लाइन में लगाकर इनकी हत्या कर दी गई। मारी जाने वाली महिलाओं में अधिकतर यजीदी कबीले की थीं। कई महिलाएं गर्भवती भी थीं। महिलाओं पर आईएस का यह अत्याचार कोई नया नहीं है। उसके लिए महिलाएं एक वस्तु की तरह हैं जिन्हें समयानुसार इस्तेमाल करना चाहता है। आईएस जिन इलाकों पर कब्जा करता है वहां की महिलाओं को गुलाम बनाकर बेच देता है। मारने के बाद उनके शव फल्लुजाह में सामूहिक कब्र में दफन कर दिए जाते हैं। विज्ञप्ति के अनुसार आईएस के लड़ाकों ने फल्लुजाह की एक मस्जिद को जेल में तब्दील कर दिया है, जहां वह सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों को बंदी  बनाकर रखते हैं। उधर हजारों मील दूर नाइजीरिया में सक्रिय बोको हरम नामक आतंकी जेहादी संगठन ने देश के उत्तर-पूर्वी इलाके से कम से कम 185 महिलाओं और बच्चों को अगवा कर लिया। इससे पहले उन्होंने 33 लोगों की हत्या कर दी थी। एक स्थानीय अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि आतंकियों ने गुमसुरी गांव पर अचानक धावा बोला। वह ट्रकों पर सवार होकर आए थे। उन्होंने  पुरुषों को गोलियों से पहले भूना और गांव की महिलाओं और बच्चों को ट्रकों में बिठाकर ले गए। इससे पहले उन्होंने गांव को पेट्रोल बम से जला दिया। इलाके में संचार की कमी है, इस कारण यह खबर घटना के कई दिनों  बाद ही सामने आ सकी। क्षेत्र के दूरसंचार टॉवरों को आतंकियों ने पहले ही उड़ा दिया था। स्थानीय अधिकारियों को रविवार के हमले की खबर गुमसुरी के उन ग्रामीणों से मिली जो वहां से किसी तरह भागकर 70 किलोमीटर का सफर तय करके मैदागुरी पहुंचे। मैदागुरी नाइजीरिया के वार्नो प्रांत की राजधानी है। पश्चिमी शिक्षा का घोर विरोधी बोको हरम साल 2009 से नाइजीरिया में कहर बरपाता आ रहा है। उसने स्कूलों, गांवों, पुलिस, चर्च और आम नागरिकों पर कई हमले किए हैं जिनमें बड़ी तादाद में लोग मारे गए हैं। उसने सरकारी इमारतों पर भी बम फेंके हैं। इस महीने मैदागुरी में बोको हरम की एक महिला आत्मघाती के हमले में पांच लोग मारे गए थे। यह अत्यंत चिंताजनक है कि इन जेहादी दहशतगर्दों ने न तो बच्चों को  बख्शा है और न ही महिलाओं को।
-अनिल नरेन्द्र


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