Wednesday, 24 December 2014

6000 करोड़ के ड्रग्स रैकेट में मजीठिया को समन

पंजाब में ड्रग्स रैकेट जोरों से फलफूल रहा है। समय-समय पर यह चिंताजनक खबरें आती रहती हैं कि पंजाब में ड्रग्स का इस्तेमाल लगातार बढ़ता जा रहा है। पंजाब के एक कैबिनेट मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया को ड्रग्स रैकेट से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले की जांच के लिए समन जारी किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पंजाब के राजस्व मंत्री मजीठिया को ड्रग्स तस्करों के गिरोह के लिए 6000 करोड़ रुपए के कथित मनी लांड्रिंग (धन शोधन) घोटाले में 26 दिसम्बर को पेश होने के लिए समन जारी किया है। बता दें कि बादल परिवार से करीबी रिश्तेदारी हैं मजीठिया की। मजीठिया डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल के साले और केंद्रीय राज्यमंत्री हरसिमरत कौर के भाई हैं। केंद्रीय वित्त मंत्रालय के अधीन वित्तीय जांच एजेंसी ईडी ने अंतर्राष्ट्रीय नशा तस्करी में शामिल लोगों से पूछताछ की है जिसका भंडाफोड़ प्रवासी भारतीय अनूप सिंह कहलों की मदद से मार्च 2013 में फतेहगढ़ साहिब थाने में किया गया। इसके बाद हुई जांच में पिछले साल नवम्बर में कथित सरगना जगदीश सिंह भोला की गिरफ्तारी हुई जो पंजाब पुलिस का निलंबित डीएसपी है। अंतर्राष्ट्रीय मनी लांड्रिंग मामले में पिछले साल गिरफ्तार जगदीश भोला ने पुलिस को बयान दिया है कि पूरा ड्रग्स रैकेट मजीठिया की निगरानी में चलता है। इसकी जानकारी पुलिस को भी है। हालांकि मजीठिया ने आरोपों को गलत बताया है। सूत्रों ने कहा कि ईडी ने मजीठिया से पूछताछ के लिए 50 सवालों की सूची तैयार की है। एक अंग्रेजी अखबार ने दावा किया है कि मजीठिया ने स्वीकार किया है कि उन्हें ईडी ने समन जारी किया है। मजीठिया ने यह भी बताया है कि वह इस रैकेट के सामने आने के दिन से ही जांच में सहयोग कर रहे हैं। बताया जाता है कि पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह  बादल की पत्नी और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के छोटे भाई विक्रम सिंह मजीठिया का नाम ड्रग तस्करों की उस सूची में भी था जिसे पूर्व डीजीपी जेल शशि कांत ने मुख्यमंत्री को सौंपी थी। विपक्ष इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करता रहा है परन्तु राज्य सरकार ने राज्य पुलिस से जांच कराकर मजीठिया को क्लीन चिट दे दी थी। मजीठिया के सत्तासीन बादल परिवार के अति निकट संबंध होने तथा सहयोगी भाजपा के साथ तनावपूर्ण संबंधों के चलते पंजाब की राजनीति में तूफान उठ सकता है। शिवसेना के साथ कुछ समय पहले हुई जोरदार तनातनी के बाद क्या भाजपा अपने एक और सहयोगी अकाली दल से भिड़ने की हालत में पहुंच रही है? भाजपा के तेजतर्रार नेता नवजोत सिंह सिद्धू और अकालियों के बीच पहले से ही तनातनी चल रही है। मजीठिया को समन के पीछे कुछ लोग काफी कुछ पढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। इनकी मानें तो यह भाजपा और अकालियों के बीच खाई बढ़ने की शुरुआत है, इसलिए कि मजीठिया सुखबीर के साले हैं और हरसिमरत कौर के छोटे भाई हैं यानि जांच की दस्तक अप्रत्यक्ष तौर पर बादल परिवार के दर पर है। 6000 करोड़ रुपए के इस ड्रग रैकेट में मजीठिया की जरा-सी भी भूमिका निकलती है तो उन्हें गद्दी छोड़नी पड़ सकती है और इससे भाजपा और बादल परिवार में खटास बढ़ेगी।

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