कश्मीर में शुक्रवार को हुए सनसनीखेज आतंकी हमलों से
देश अब फुल अलर्ट में है। खुफिया एजेंसियों की मानें तो अब राजधानी दिल्ली पर बड़े
आतंकी हमले का खतरा मंडरा रहा है। जम्मू-कश्मीर में दो चरणों में हुए भारी मतदान से आतंकी बौखला गए हैं। वे जहां-तहां हमले कर लोगों को हतोत्साहित करने में जुट गए हैं। इसके साथ ही उनकी कोशिश
है कि आम लोगों को इतना भयभीत कर दिया जाए ताकि वे मतदान केंद्रों पर पहुंचने में हिचकें।
अगले चरण का मतदान 9 दिसम्बर को है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
ने शनिवार को कश्मीर पहुंचे थल सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह सुहाग से कहा कि बहादुर
सैनिकों के बलिदान व्यर्थ नहीं जाएंगे। सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने
साफ कहाöघुसपैठियों को किसी भी हालत में सीमा पार न करने दें,
उन्हें नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर ही मार गिराया जाए। वादी में अमन और लोकतंत्र के माहौल को बिगाड़ने की हर
संभव साजिश को पूरी ताकत से नाकाम किया जाए। उड़ी में शुक्रवार को मारे गए आतंकियों
के पास बरामद सामान की पड़ताल से पता चला कि साजिश में पाकिस्तान निर्मित सामान का
इस्तेमाल किया गया है। भारत के पास इस बात के पक्के सबूत हैं। लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिद्दीन चाहते हैं कि घाटी के
साथ ही देश के अन्य हिस्सों में आतंकी घटनाएं बढ़ें। कश्मीर के बाद इनका सबसे बड़ा
टारगेट भारत की राजधानी दिल्ली है। खुफिया एजेंसियों की मानें तो दिल्ली पर बड़े आतंकी
हमले का खतरा मंडरा रहा है। खतरा कितना बड़ा है इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है नार्थ
डिस्ट्रिक्ट ने इस खतरे से निपटने के लिए अब तक सबसे बड़े सुरक्षा इंतजामों के तहत
`हिट टीम' को उतार दिया है। एके-47 और एमपी5 जैसे अत्याधुनिक हथियारों से लैस यह टीम का
एक्शन मिनट में नहीं बल्कि सैकेंडों में होगा। आतंकी हमला होने पर इनके पास सीधे गोली
मारने के आदेश हैं। जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को हुए हमलों को
देखते हुए इसे बेहद गंभीरता से इसलिए भी लिया जा रहा है क्योंकि गणतंत्र दिवस पर अमेरिकी
राष्ट्रपति बराक ओबामा आ रहे हैं। आतंकियों और उनके सरगनाओं की ओबामा की भारत यात्रा
से पहले दिल्ली को दहलाने की योजना है। खुफिया विभागों ने आशंका जाहिर की है कि अमेरिकी
राष्ट्रपति की भारत यात्रा से पहले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा दिल्ली में मुंबई (26/11) जैसी घटना को अंजाम दे
सकता है, जिससे ओबामा को भारत आने से रोका जा सके। हमारी सुरक्षा
एजेंसियों, खुफिया एजेंसियों को अगले कुछ दिनों तक फुल अलर्ट
पर रहना होगा। एलओसी, कश्मीर घाटी और नई दिल्ली तीनों स्थानों
पर हमले हो सकते हैं। चिंता का विषय यह भी है कि हाल के दिनों में स्थानीय लोग आतंकवाद
से जुड़ रहे हैं। एक तथ्य यह भी है कि शुक्रवार को ताबड़तोड़ हमलों में जम्मू-कश्मीर में पिछले सात-आठ सालों में एक भी हमले में और
वह भी एक ही दिन में इतने सुरक्षाकर्मियों की मौत नहीं हुई थी। पाकिस्तान घुसपैठ कराने
पर तुला हुआ है। भारत द्वारा इसे कड़ा जवाब अब देना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने थल सेनाध्यक्ष
जनरल सुहाग को हर प्रकार की जवाबी कार्रवाई करने के लिए हरी झंडी दे दी है।
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