Friday 10 August 2018

कांवड़ यात्रा का महत्व

हरिद्वार, गौमुख और गंगोत्री से गंगा  जल लेकर कांवड़िये शिवालयों में जल चढ़ाने के लिए पहुंचने लगे हैं। जानकारों के मुताबिक हरिद्वार से ही तीन करोड़ से अधिक कांवड़िये कांवड़ लेकर रवाना हो चुके हैं। इनमें करीब 50 लाख डाक कांवड़िये हैं। ऋषिकेश में नीलकंठ भगवान के मंदिर से बुधवार सुबह तक करीब तीन  लाख कांवड़िये दर्शन कर चुके हैं। हरिद्वार आने-जाने वाले हर हाईवे और अन्य सड़कों पर जाम की स्थिति है। इस बार कांवड़ यात्रा पर देशभक्ति का अलग ही रंग नजर आ रहा है। ज्यादातर कांवड़ियों के हाथों में तिरंगा और कांवड़ पर तिरंगे की झांकी लगाकर चल रहे हैं। झांकी में अमर शहीद भगत सिंह की फोटो भी लगी है। अधिकांश दिल्ली यमुनापार, नोएडा और गाजियाबाद के कांवड़िये हैं वो बुधवार शाम तक अपने गंतव्यों पर पहुंच गए हैं। वहीं अधिकांश डाक कांवड़िये हरियाणा, दिल्ली, नोएडा के हैं। मोटर साइकिल से कांवड़ लाने वालों की संख्या पिछले साल की अपेक्षा काफी बढ़ी है। अभिषेक के लिए हरिद्वार से गंगा जल लेकर आ रहे कांवड़ियों के कारवां का स्वागत करने हेतु जगह-जगह शिविर लगाए गए। इनमें डीजे की धुन पर भोला-भोली भगवान शिव के भजनों पर थिरक रहे थे। शिवभक्तों को सुरक्षित निकालने के लिए जगहों पर बैरिकेडिंग कर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई। सावन मास में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कांवड़िये हरिद्वार, ऋषिकेश व गंगोत्री तक से गंगा जल लेकर आते हैं। बृहस्पतिवार को श्रावण शिवरात्रि है। इस दिन शिवालयों में जलाभिषेक होगा। ऐसे में कांवड़ियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। शिवभक्त अपनी कठिन यात्रा करके अपने-अपने जलाभिषेक स्थानों पर पहुंच चुके हैं। हाजिरी का जल और त्रयोदशी का जल मंदिर में सुबह छह बजे से चढ़ना शुरू हो रहा है। नौ अगस्त को ही रात 10.54 से चतुदर्शी जल चढ़ेगा। प्रदोष काल का समय सूर्यास्त से  लेकर आधी रात्रि के बीच होता है। रुद्राभिषेक प्रदोष काल में करने से हर मनोकामना पूरी होती है। इस बार शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त आठ अगस्त को रात्रि 12 बजकर नौ मिनट से नौ अगस्त के दोपहर एक बजकर दो मिनट तक है। जबकि प्रदोष काल शाम सात बजकर एक मिनट से रात नौ बजकर 11 मिनट तक है। ओम नम शिवाय, हर-हर महादेव।
कांवड़ियों की शिवभक्ति पर तो किसी को भी संदेह नहीं है किन्तु कुछ कांवड़ियों पर आरोप है कि वे अभद्रता और गुंडागर्दी पर उतारू हो जाते हैं। उनकी सुरक्षा पर राज्य सरकारें पूरा ध्यान रखती हैं किन्तु यदि कहीं कुछ असुविधा हो तो कांवड़ियों को भी शिष्ठ व्यवहार करके मामले को शांत करना चाहिए। किन्तु कहीं-कहीं देखा गया है कि यदि गलती से किसी के वाहन से किसी कांवड़िये को छू गया तो उनकी भक्ति रौद्र रूप में बदल जाती है और मिलकर वाहन पर हमला कर देते हैं। इससे समूचे कांवड़ियों की छवि खराब होती है।

-अनिल नरेन्द्र

1 comment:

  1. salute to you
    very good article
    congratulations sir ji

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