Wednesday, 29 August 2018

दुष्कर्म के झूठे केसों की बढ़ती संख्या

हमारे देश में मुश्किल यह है कि कानून तो बाद में बनता है उसका दुरुपयोग पहले शुरू हो जाता है। दहेज हत्या का एक ऐसा केस हाल ही में सामने आया। महिलाओं की सुरक्षा के लिए बने कानूनों का अगर दुरुपयोग न हो और सही तरीके से इसका क्रियान्वयन हो तो हमारा समाज इन मामलों में सुधर जाए। पर आए दिन ऐसे केस सामने आते हैं जब दुष्कर्म के झूठे केस सिर्प इसलिए दर्ज कराए जाते हैं ताकि दूसरा व्यक्ति परेशानी में आ जाए, उसको बदनाम किया जा सके। ऐसा सारे केसों में नहीं होता, कुछ में होता है। दुष्कर्म की झूठी कहानी गढ़ना अब किसी भी महिला और युवती को महंगा पड़ सकता है। पिछले एक महीने में अदालत में सात ऐसी ही कथित पीड़िताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के आदेश दिए हैं जिन्होंने कानून का दुरुपयोग करते हुए बेकसूर लोगों को गंभीर आरोपों में फंसाया था। तीस हजारी कोर्ट स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार की अदालत ने सात अलग-अलग मामलों में महिलाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश संबंधित थाना पुलिस को दिए हैं। साथ ही कहा है कि महिलाओं व युवतियों की मदद के लिए विशेष कानून बनाया गया। इसके लिए सख्त प्रावधान भी किए गए। बलात्कार जैसे गंभीर मामलों में जांच से लेकर सुनवाई तक की प्रक्रिया को खास श्रेणी में रखा गया। इतनी मशक्कत के बाद कुछ अप्रत्याशित चीजें सामने आई हैं, जिनमें पता चलता है कि महिलाओं की मदद के लिए बनाए गए इस विशेष कानून का दुरुपयोग शुरू हो गया है। कानून के जानकार अधिवक्ता प्रशांत मनचंदा के अनुसार किसी व्यक्ति पर झूठा आरोप लगाने अथवा झूठा साक्ष्य पेश करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 183 और 195 के तहत अधिकतम सात साल की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा जुर्माना भी किया जा सकता है। बलात्कार का झूठा मुकदमा पाए जाने पर आरोपी अदालत में इंसाफ की मांग के साथ ही कथित पीड़िता से मुआवजे की भी मांग कर सकता है, ऐसे झूठे केसों की सूची लंबी हो सकती है। पर उदाहरण के तौर पर दरियागंज में वर्ष 2013 में रेप का मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला ने अदालत में कहा कि आरोपी उसका पति है, कुछ गलतफहमी की वजह से गुस्से में दर्ज करा दिया था मुकदमा। नबी करीम थाने में नवम्बर 2017 को रेप की प्राथमिकी दर्ज कराने वाली युवती ने कोर्ट में कहा कि आरोपी से उसकी सगाई हो गई थी। घटना वाले दिन शारीरिक संबंध बने। मंगेतर ने फोन नहीं उठाया तो उसने केस कर दिया। तीन मार्च 2018 को पहाड़गंज थाने में बलात्कार का मुकदमा दर्ज कराने वाली युवती ने अदालत में कहा कि उसके पड़ोसी ने कथित आरोपी जोकि उसका प्रेमी था उसके साथ देख लिया था। इसलिए उसने घर वालों के सामने रेप की झूठी कहानी बना दी। ऐसे ही कई अन्य मामले अदालत के सामने आए हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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