Friday 3 August 2018

तीन-चौथाई महिलाएं सेनेटरी नैपकिन से दूर हैं

आधुनिकता एवं सूचनाओं के तमाम विकल्पों के बावजूद देश की तीन-चौथाई से अधिक लगभग 82 प्रतिशत महिलाएं सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल नहीं करतीं और आज भी माहवारी के दौरान पुराने तौर-तरीके अपनाती हैं। दिलचस्प बात यह भी है कि सेनेटरी नैपकिन का इस्तेमाल करने वाली शेष महिलाएं भी प्रॉडक्ट के सही इस्तेमाल को लेकर जागरूक नहीं हैं। दोनों ही तथ्यों के बारे में गौर किया जाए तो इसकी प्रमुख वजह यही सामने आती है कि अधिकांश तौर पर महिलाएं इस संबंध में खुलकर चर्चा नहीं करतीं और असुरक्षित विकल्प अपनाने के लिए विवश रहती हैं। इसका परिणाम उनके मूत्र एवं प्रजनन वाले हिस्से में संक्रमण के अलावा मानसिक तनाव एवं चिन्ता के रूप में सामने आता है। हाल ही में मासिक धर्म स्वच्छता दिवस का आयोजन हुआ इसके दौरान महत्वाकांक्षी पंचवर्षीय योजना नाइट मूवमेंट का दिल्ली में शुभारंभ करने का फैसला किया गया। इस मूवमेंट को प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने भी अपना समर्थन दिया है अक्षय कुमार की हाल ही में पुरस्कार प्राप्त फिल्म पैडमैन में मासिक धर्म से जुड़ी गलत अवधारणाओं और समस्याओं पर प्रकाश डाला गया था। सम्मेलन में मासिक धर्म से जुड़ी उन गलतफहमियों पर चर्चा हुई, जिनके कारण सदियों से लड़कियों और महिलाओं को उनकी क्षमता के सही इस्तेमाल और मासिक धर्म के दौरान गरिमामय जीवन जीने से दूर रखा जाता रहा है। श्री तुलस्यान ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हम हर व्यक्ति को नाइट मूवमेंट के साथ जुड़ने के लिए प्रेरित कर सकेंगे। मुझे विश्वास है कि हम सभी मिलकर इस दिशा में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं। इस बारे में खुलकर चर्चा के जरिये और लोगों को शिक्षित कर मासिक धर्म से जुड़ी अवधारणा में बदलाव लाने के साथ ही पाबंदियों पर रोक लगा सकते हैं। श्री तुलस्यान ने कहा, नाइट मूवमेंट का उद्देश्य लड़कियों, महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान हाईजीनिक उत्पादों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए चर्चा एवं विचार-विमर्श के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि इस दृष्टि से एक खुला माहौल बनाया जा सके। हम समझते हैं कि ऐसी मूवमेंट की सख्त जरूरत है। ग्रामीण इलाकों में आज भी लड़कियां, महिलाएं मासिक धर्म में गलत चीजें इस्तेमाल करती हैं जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। सरकार को भी सही चीजों के इस्तेमाल का प्रचार-प्रसार करना चाहिए। निजी प्रयास तो ठीक है पर समस्या इतनी बड़ी है कि सरकार सहित सभी को इसे ठीक करने की सख्त जरूरत है।

-अनिल नरेन्द्र

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