Sunday, 9 June 2019

नशे में गाड़ी चलाई तो खानी पड़ेगी लंबी जेल की हवा

दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों पर पुलिस को सख्ती के साथ निपटने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि ऐसे वाहन चालकों को दिनों की नहीं बल्कि महीनों की जेल की सजा सुनिश्चित की जानी चाहिए। साकेत कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनाली गुप्ता ने मोहन नामक एक शख्स को शराब पीकर गाड़ी चलाने के रूप में दो महीने जेल की सजा सुनाते हुए यह निर्देश जारी किए। इन आदेशों के तहत अब अगर शराब पीकर गाड़ी चलाते पकड़े गए तो लंबी जेल की हवा खानी पड़ सकती है। न्यायाधीश सुनाली गुप्ता ने टिप्पणी करते हुए कहा कि नशे की हालत में वाहन चलाने की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो इस तरह के मामलों में 30 से 40 प्रतिशत इजाफा हुआ है। इससे साफ है कि नशे की हालत में पकड़े गए लोगों की सजा काफी कम है। इसलिए उनमें किसी प्रकार का डर नहीं है। सजा कम होने के कारण इस तरह के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में जरूरी हो गया है कि नशे की हालत में पकड़े गए वाहन चालकों को महीनों की जेल की सजा सुनाई जाए। लंबे समय तक जेल में रहने के कारण उनमें डर पैदा होगा और इस तरह के मामलों में कमी आएगी। कोर्ट ने मोहन को सजा सुनाने के साथ तीन हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। आरोपी मोहन को दो साल पहले पुलिस ने आश्रम चौक से नशे की हालत में बाइक चलाते हुए पकड़ा था। नशे की हालत में मोहन गलत तरीके से बाइक चला रहा था। जांच में पाया गया कि मोहन ने शराब पी रखी थी। आरोपी के शरीर में शराब की मात्रा 162/100 एमजी पाई गई। जबकि निर्धारित मात्रा 30/100 एमजी होती है। आरोपी ने निर्धारित मात्रा से 34 गुना अधिक शराब पी रखी थी। एक अन्य मामले में दिल्ली के एक कोर्ट ने शराब पीकर गाड़ी चलाने के मामले में युवक को दो हफ्ते तक सात घंटे रोज वृद्धाश्रम में सेवा करने की सजा सुनाई। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सोनू अग्निहोत्री ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए युवक को दोषी ठहराया। कोर्ट ने कहा कि वह बुजुर्ग लोगों के साथ वक्त गुजारे और उनकी सेवा भी करे। ट्रायल कोर्ट ने युवक को दो दिन जेल और दो हजार रुपए जुर्माने की सजा दी थी और लाइसेंस छह महीने के लिए रद्द करने का निर्देश दिया था। इस फैसले को युवक ने मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में चुनौती दी थी। अतिरिक्त सत्र जज अग्निहोत्री ने कहा कि युवक परिवार में अकेला कमाने वाला है। वह पहली बार नशे में ड्राइविंग करते हुए पकड़ा गया है इसलिए उसके साथ नरमी दिखाई गई है। हम दोनों फैसलों की और दोनों जजों की सराहना करते हैं कि उन्होंने लीक से हटकर नए प्रकार की सजा सुनाई है। उम्मीद करते हैं कि शराब पीकर गाड़ी चलाने वाले इनसे सबक सीखेंगे और शराब पीकर गाड़ी चलाने से बचेंगे।

-अनिल नरेन्द्र

No comments:

Post a Comment