Thursday 13 June 2019

सबसे ज्यादा ट्रैफिक मुंबई और दिल्ली में होता है

दुनियाभर में सबसे ज्यादा ट्रैफिक जाम मुंबई वालों को झेलना पड़ता है। जबकि दिल्ली दुनिया का चौथा सबसे ज्यादा ट्रैफिक दबाव झेलने वाला शहर है। यह खुलासा लोकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी टॉयटॉय के ट्रैफिक इंडेक्स 2018 में हुआ है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में लोगों को सड़कों पर जाम लगने की स्थिति में अपने गंतव्य तक पहुंचने में 65 प्रतिशत ज्यादा वक्त लगता है। जबकि देश की राजधानी दिल्ली में 58 प्रतिशत ज्यादा समय लगता है। टॉयटॉय इंडेक्स के मुताबिक ट्रैफिक दबाव के मामले में कोलंबिया की राजधानी बागोरा 63 प्रतिशत के साथ दूसरे, पेरू की राजधानी लीमा 58 प्रतिशत और 56 प्रतिशत की जाम से रूस की राजधानी पांचवें स्थान पर है। सूची में शामिल पहले चारों शहर विकासशील देशों के हैं। जबकि पांचवां रूस विकसित है। जीपीएस आधारित इस अध्ययन में आठ लाख से ज्यादा आबादी वाले 400 शहरों को शामिल किया गया था। टॉयटॉय कंपनी एप्पल और उबर के लिए नक्शे भी तैयार करती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में पहले के मुकाबले मुंबई और दिल्ली में ट्रैफिक थोड़ा कम हुआ है। 2018 में जहां दिल्ली में ट्रैफिक का दबाव 58 प्रतिशत था वहीं 2017 में यह 62 प्रतिशत था यानि इसमें चार प्रतिशत की कमी आई है। रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में सबसे कम ट्रैफिक दबाव दो मार्च 2018 को रहा है। इस दौरान यह महज छह प्रतिशत था। वहीं सबसे खराब ट्रैफिक आठ अगस्त 2018 को था। इस दौरान ट्रैफिक दबाव 83 प्रतिशत तक पहुंच गया था। रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई के ट्रैफिक में भी 2017 के मुकाबले सुधार देखा गया है। जहां 2017 में टैफिक दबाव 66 प्रतिशत था वहीं 2018 में यह 65 प्रतिशत था। 2018 में सबसे कम ट्रैफिक दबाव (16 प्रतिशत) दो मार्च 2018 को था। जबकि सबसे ज्यादा (111 प्रतिशत) 21 अगस्त 2018 को था। कंपनी ने यह रिपोर्ट सबसे ज्यादा ट्रैफिक के दौरान लोगों को कितना अतिरिक्त समय लगता है, इसके आधार पर तैयार की है। रिपोर्ट के अनुसार मुंबई में औसतन 500 कारें प्रति किलोमीटर चलती हैं। यह दिल्ली से काफी ज्यादा हैं। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ट्रैफिक का बढ़ना अच्छा और खराब दोनों ही हैं। अच्छा यह है कि इससे मजबूत अर्थव्यवस्था का संकेत मिलता है। नुकसान यह है कि ज्यादा ट्रैफिक से लोगों का समय जामों में खराब होता है और भारी ईंधन की बर्बादी तो होती है साथ-साथ हमारे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है।

-अनिल नरेन्द्र

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