Wednesday 12 June 2019

संसदीय इतिहास में पहली बार पांच-पांच उपमुख्यमंत्री

राज्यों की सियासत में जाति-वर्ग समूहों की बढ़ती आकांक्षाओं को पूरी करने के लिए आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने सियासी संतुलन व तुष्टिकरण का नया रास्ता दिखा दिया। जगनमोहन रेड्डी ने पांच उपमुख्यमंत्री बनाए हैं। उनके मंत्रिमंडल में एससी/एसटी, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और कापू समुदाय से एक-एक डिप्टी सीएम होगा। मंत्रियों के लिए 30 महीने के कार्यकाल का फार्मूला भी तय किया गया है। ढाई साल बाद वह 90 प्रतिशत मंत्री बदल देंगे। देश में अपनी तरह का यह पहला प्रयोग है। भारत के राजनीतिक इतिहास में ऐसा अब तक नहीं हुआ। जगनमोहन रेड्डी ने विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। जाहिर है कि सामान्य वर्गों के अलावा उन्हें इन पांचों समुदायों का भी समर्थन मिला है और वह चाहते हैं कि अपने प्रशासन में इन्हें समुचित प्रतिनिधित्व दें। आजादी के बाद से अब तक कई राज्यों में सत्ताधारी पार्टियों ने उपमुख्यमंत्री बनाए हैं, लेकिन ऐसा राजनीतिक समीकरण साधने के लिए ही किया जाता है। इस पद की कोई वैधानिकता मान्यता नहीं है। इस पद पर आसीन व्यक्ति को मुख्यमंत्री की शक्तियां प्राप्त नहीं होतीं और न ही वह मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में प्रदेश की अगुवाई कर सकता है। उसे कोई अतिरिक्त वेतन, भत्ता देने का भी प्रावधान नहीं है। पंडित जवाहर लाल नेहरू की सरकार में सरदार वल्लभ भाई पटेल डिप्टी पीएम बनाए गए थे। सरदार पटेल देश के गृहमंत्री भी थे। इसके बाद सन 1967 से 1969 के बीच मोरारजी देसाई उपप्रधानमंत्री बनाए गए। कोई डिप्टी पीएम या सीएम शपथ लेते समय मंत्री की ही शपथ लेता है।  हालांकि चौधरी देवीलाल ने खुद को डिप्टी पीएम कहकर शपथ ली थी। इसके बाद विवाद ने अटॉर्नी जनरल सूली सोराबजी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उपप्रधानमंत्री का संविधान में कोई प्रमाण नहीं है और देवी लाल एक मंत्री की तरह ही रहेंगे। वैसे दो उपमुख्यमंत्री तो कई राज्यों में रहे हैं। देश के कई राज्यों में पहले भी दो-दो उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश और गोवा में अभी दो-दो उपमुख्यमंत्री हैं। बिहार में भी सुशील मोदी हैं। इससे पहले इसी आंध्र प्रदेश में ही पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू और तेलंगाना में के. चंद्रशेखर राव ने दो उपमुख्यमंत्री बनाए थे। हाल ही में राजस्थान में कांग्रेस सत्ता में आई तो यहां अशोक गहलोत को सीएम और सचिन पायलट को डिप्टी सीएम बनाया गया। कर्नाटक में जी. परमेश्वर और दिल्ली में मनीष सिसोदिया डिप्टी सीएम हैं। बिहार में सुशील मोदी डिप्टी सीएम हैं। इससे पहले राजद के साथ सरकार बनी थी तो तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम थे। गोवा में बनी प्रमोद सावंत की सरकार में भी एक डिप्टी सीएम था। जब से  गठबंधन राजनीति का दौर शुरू हुआ है। उपमुख्यमंत्री का पद आमतौर पर सबसे बड़े साझीदार दल को दिया जाता है। अलग-अलग समुदायों का प्रतिनिधित्व दिखाने के लिए एक या दो उपमुख्यमंत्री बनाने का चलन भी इधर चल पड़ा है। लेकिन जगनमोहन रेड्डी ने तो पांच उपमुख्यमंत्री बनाकर एक नई परंपरा ही कायम कर दी है। देखें कि जगनमोहन रेड्डी का यह महाप्रयोग आने वाले समय में कितना सफल होता है?
-अनिल नरेन्द्र

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