केंद्र में चांदनी चौक ने लगातार दूसरी बार अपनी
छटा बिखेरी है। लोकसभा की यह सीट भाजपा की झोली में जाने के साथ केंद्रीय कैबिनेट में
उपस्थिति दर्ज कराई है। सांसद डॉ. हर्षवर्धन
लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम में जगह बनाने में कामयाब रहे।
दिलचस्प यह है कि पहले भी इस सीट से जीतने वाले कई सांसद कैबिनेट का हिस्सा रहे हैं।
चांदनी चौक लोकसभा सीट का कैबिनेट में दर्जा बरकरार है। नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल
में दिल्ली से इकलौते कैबिनेट मंत्री डॉ. हर्षवर्धन हैं। दिल्ली
के किसी और सांसद को मोदी मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया गया। दिल्ली के सातों सांसदों
में डॉ. हर्षवर्धन का ही कद सबसे भारी था और उन्हें इसका लाभ
भी मिला। दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस बार मंत्रियों की संख्या
बढ़ने की उम्मीद की जा रही थी। दिल्ली के सांसदों को गुरुवार सुबह ही मंत्री बनाए जाने
की कॉल का इंतजार था, लेकिन दोपहर तक केवल डॉ. हर्षवर्धन के पास ही मंत्री पद की सूचना पहुंची। लगातार दो बार मोदी सरकार
में कैबिनेट मंत्री बनने से डॉ. हर्षवर्धन का कद दिल्ली की सियासत
में बढ़ा है। डॉ. हर्षवर्धन का सियासी कैरियर काफी चमकदार रहा
है। वह छात्र जीवन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए थे। 1993 से चुनावी राजनीति में उतरे डॉ. हर्षवर्धन अभी तक एक
भी चुनाव नहीं हारे हैं। 1993 में पहली बार कृष्णा नगर सीट से
चुनाव लड़कर वह दिल्ली विधानसभा पहुंचे। भाजपा की तत्कालीन दिल्ली सरकार में उनको कानून
एवं स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया। 1996 में शिक्षा मंत्री बने।
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग में इनकी सबसे अहम योजना 1994 में
पोलियो उन्मूलन योजना रही। दिल्ली से पोलियो खत्म करने में डॉ. हर्षवर्धन की सबसे अहम भूमिका थी। डॉ. हर्षवर्धन के प्रयासों
को देश के साथ-साथ विदेशों में भी सराहा गया। पेशे से ईएनटी-एमबीबीएस डाक्टर हर्षवर्धन डाक्टरों की राजनीति में भी सक्रिय भूमिका निभाते
रहे हैं। वह दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के भी अध्यक्ष रहे हैं। हम डाक्टर हर्षवर्धन को
केंद्रीय मंत्री बनने पर बधाई देते हैं और उम्मीद करते हैं कि वह दिल्ली की समस्याओं
का ध्यान रखेंगे और संसद में इन्हें प्रभावी ढंग से उठाएंगे।
-अनिल नरेन्द्र
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