Sunday 30 June 2019

बतौर गृहमंत्री अमित शाह का पहला कश्मीर दौरा

बतौर केंद्रीय गृहमंत्री पहली बार जम्मू-कश्मीर के दौरे पर गए अमित शाह का दौरा सफल रहा। अमित शाह दो दिन कश्मीर में रहे। अरसे के बाद यह देखने को मिला कि अमित शाह के कश्मीर दौरे पर न तो अलगाववादियों ने कोई बंद का आह्वान किया, न कोई हड़ताल हुई, न कोई पत्थरबाजी ही हुई। तो क्या यह समझा जाए ]िक अलगाववादियों का नजरिया बदल गया है या उन्हें शाह का इतना खौफ है कि उनके दो दिन प्रवास के दौरान एक भी अप्रिय घटना नहीं हुई? तो क्या यह माना जाए कि अलगाववादियों का नजरिया दोबारा मोदी सरकार आने पर बदल गया है? क्या अलगाववादियों और पत्थरबाजों का यही नजरिया आगे भी बना रहेगा? शायद यह बदलाव पुलवामा अटैक और बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद दुनिया में अलग-थलग पड़े पाकिस्तान की वजह से हो रहा है। टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली इस एफएटीएफ से बचने के लिए पाकिस्तान आगे कोई जोखिम फिलहाल कश्मीर में खुले तौर पर लेता नहीं दिख रहा है। हालांकि जैश--मोहम्मद और अन्य आतंकी संगठनों को नए सिरे से मजबूत करने की तैयारी आईएसआई द्वारा की जा रही है। अमित शाह ने यह कहकर अपने इरादे जाहिर कर दिए कि आतंकियों की फंडिंग रोकने और घुसपैठ रोधी तंत्र को मजबूत बनाने के साथ ही आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टालरेंस की नीति पर मोदी सरकार चलेगी। इसके साथ ही उन्होंने अलगाववादियों से जिस तरह वार्ता की संभावनाओं को खारिज किया उससे यह साफ हुआ कि मोदी सरकार जल्दबाजी में कोई कदम उठाने से बचना चाह रही है और उसकी पहली प्राथमिकता घाटी के हालात सुधारने और उन्हें स्थायित्व देने पर है। अमित शाह ने टेरर फंडिंग में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश  दिए। राज्य के शीर्ष अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की जिसमें राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी थे, शाह ने अलगाववादियों व आतंकवादियों पर लगाम कसने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने अमरनाथ यात्रा के संबंध में सुरक्षा प्रबंधों पर भी चर्चा की। अमित शाह ने कहा कि प्रमुख सार्वजनिक स्थलों के नाम शहीद पुलिसकर्मियों के नाम पर होने चाहिए। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को आतंकवादी हमले में शहीद जम्मू-कश्मीर के पुलिस अधिकारी अरशद अहमद खान के घर का दौरा किया और उनके परिवार को आश्वासन दिया और सरकार उनकी देखभाल करेगी। उन्होंने शहीद की पत्नी को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र भी सौंपा। शाह बृहस्पतिवार को अधिकारियों के साथ शहर के सिविल लाइंस इलाके के पास खान के बल उद्यान निवास पर पहुंचे और उनके माता-पिता मुश्ताक अहमद खान और महबूबा बेगम, पत्नी, भाई और बच्चों उल्बान (5) और दामिन (18 माह) से मुलाकात की। शाह ने परिजनों को प्रशंसा पत्र भी सौंपा जिसमें खान की शहादत का जिक्र था। निस्संदेह है कि यह उल्लेखनीय है कि गृहमंत्री के दौरे के समय घाटी में हड़ताल या बंद का आयोजन नहीं किया गया, लेकिन यह भी ठीक ही रहा कि उन्होंने मौजूदा हालात में एक शुरुआत के तौर पर ही देखा और यह साफ किया कि यह मंजिल नहीं है। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि अमित शाह का पहला कश्मीर दौरा सफल रहा।

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