धन
लक्ष्मी बैंक की शिकायत पर आर्थिक अपराध शाखा ने ठगी करने वाले पांच लोगों को गिरफ्तार
किया है और 15 से अधिक फिलहाल पुलिस के हाथ
नहीं लगे। यह सभी आरोपी बैंक से 33 करोड़ रुपए ठगने में शामिल
हैं। आर्थिक अपराध शाखा के डीसीपी मंगेश कश्यप ने बताया कि धन लक्ष्मी बैंक के अधिकारी
मुरलीधरन की शिकायत पर अपराध शाखा ने आरोपी राम प्रकाश, विजय
मनचंदा, दुष्यंत मनचंदा, शत्रुघ्न नायक
और रविन्द्र कुमार को गिरफ्तार कर लिया। इनकी गिरफ्तारी से दो मामले सुलझाने का दावा
किया गया है। शिकायत में बताया गया है कि उनका बैंक धन लक्ष्मी बैंक सोने के गहनें
गिरवी रखकर लोगों को लोन देता है। गहनें में सोने के वजन को बैंक के अधिकारी जांचने
के बाद ही रकम तय करते हैं। बैंक ने जब अपने स्तर पर जमा गहनों की जांच कराई तो सोमनाथ
बावेल द्वारा जमा कराए गए गहनों में सोने की मात्रा न के बराबर थी। इस शिकायत पर आर्थिक
अपराध शाखा ने मामला दर्ज किया और छानबीन शुरू की। बैंक की तरफ से दूसरी शिकायत में
मुरलीधरन ने बताया कि विजय मनचंदा एवं उनके 16 साथियों ने बैंक
में नकली सोना रखकर 11 करोड़ रुपए का लोन लिया। जल्द ही आरोपियों
की पहचान कर ली गई। इस दौरान यह भी पता चला कि सोमनाथ बावेल और विजय मनचंदा सबसे पहले
वर्ष 2010 में बैंक के सम्पर्प में आए थे। वर्ष 2013 में सोमनाथ बावेल ने अपने 14 साथियों के साथ
77 बार सोना गिरवी रखकर 21.60 करोड़ रुपए का लोन
लिया। यह लोन करोल बाग और कनॉट प्लेस स्थित शाखा से लिए गए। उधर विजय मनचंदा ने अपने
16 साथियों सहित नकली सोना देकर बैंक से अलग-अलग
11 करोड़ रुपए का लोन लिया। आरोपियों न पुलिस को बताया कि उन्होंने
12 फीसदी वार्षिक ब्याज पर बैंक से लोन लिया था। इस रकम को बैंक से लेकर
उन्होंने बाजार में कारोबारियों को 20 से 24 फीसदी वार्षिक ब्याज पर दे दिया। इस तरह से इतनी बड़ी रकम पर वह आठ से
12 फीसदी वार्षिक मुनाफा प्रत्येक वर्ष कमा रहे थे ताकि बैंक को कोई
शक न हो, इसलिए वह बैंक को प्रतिमाह ब्याज भी समय पर चुका रहे
थे। हालांकि सोने की जांच पर उनके द्वारा किया गया फर्जीवाड़ा सामने आ गया। पुलिस को
दी गई शिकायत में बैंक के अधिकारियों ने अपने ही कर्मचारियों पर शक जताया है। शिकायत
में बताया गया है कि बिना उनकी मिलीभगत के इस तरह से नकली सोने को गिरवी नहीं रखा जा
सकता है। एक तरफ जहां पुलिस ने फिलहाल इस मामले में किसी भी बैंक कर्मचारी को गिरफ्तार
नहीं किया है, वहीं मामले को दर्ज होने के समय से बैंक अधिकारी
दर्जन भर से अधिक कर्मचारियों को निलंबित कर चुके हैं। यह कर्मचारी उनकी करोल बाग एवं
कनॉट प्लेस स्थित शाखा में कार्यरत थे। दिलचस्प पहलू यह भी है कि सभी आरोपी कम पढ़े-लिखे हैं। राम प्रकाश 10वीं पास है। विजय मनचंदा सराय
रोहिल्ला में रहता है और यह भी 10वीं पास है। उनका बेटा दुष्यंत
मनचंदा भी 10वीं पास है। शत्रुघ्न नायक नेताजी नगर में रहता है
वह भी 10वीं पास है। रविन्द्र कुमार बुद्ध विहार में रहता है
और 12वीं पास है। जाहिर-सी बात है कि बेशक
वह ज्यादा पढ़े-लिखे तो नहीं हैं पर फ्राड करने में माहिर हैं
तभी तो नकली सोना रखकर 33 करोड़ रुपए का कर्ज लेने में सफल रहे।
-अनिल नरेन्द्र
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