Friday 21 November 2014

आईएस की बढ़ती ताकत अमेरिका और यूरोप के लिए खतरा

इराक और सीरिया में पसरे खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने एक और खौफनाक कार्रवाई में अमेरिकी बंधक पीटर कैसिग समेत 19 लोगों का सिर कलम कर दिया है। आईएस ने अपने दावे में पीटर और 18 सीरियाई सैन्य अधिकारियों का सिर कलम करने की वीडियो भी जारी की है, जिसमें उसने बताया है कि यह कदम उसने अमेरिका और ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों को चेतावनी देने के लिए उठाया है। पीटर को आतंकियों ने सीरिया से अगवा किया था। हालांकि आईएस द्वारा जारी इस वीडियो की पुष्टि नहीं हो पाई है। व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां वीडियो की प्रमाणिकता जांचने की कोशिश में जुटी है। अगर इसकी पुष्टि होती है तो ये हत्या भयभीत करने वाले हैं। दो ब्रिटिश और दो अमेरिकी नागरिकों का सिर कलम करने वाले आईएस के एक ब्रिटिश जेहादी जॉन के अमेरिकी हवाई हमले में घायल होने की भी खबर है। इंग्लैंड के अखबार डेली मेल ने ब्रिटिश मंत्रालय के हवाले से बताया कि जेहादी जॉन नाम से कुख्यात और ब्रिटिश शैली में बात करने वाला आईएस का हत्यारा उत्तरी इराक में एक बंकर पर हुए हमले में बच निकलने में सफल रहा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि हमें खबर मिली है कि जेहादी जॉन घायल हुआ है। पीटर कैसिग अमेरिका का  पूर्व सैनिक भी था और इस्लाम धर्म कबूल कर चुका था। वीडियो में आईएस आतंकी एक कटा सिर लिए खड़ा है जो कैसिग जैसा दिखता है। वीडियो में आतंकवादी कह रहा है... यहां दबिक में हम पहले अमेरिकी को दफन कर रहे हैं और आपकी बाकी सेना का बेसब्री से इंताजर कर रहे हैं। इसके पहले वीडियो में दिखाया गया है कि आतंकी 18 सीरियाई सैनिकों को एक कतार में लेकर आए। उन्हें घुटने के बल बिठाया और उनका सिर कलम कर दिया। उल्लेखनीय है कि 16वीं सदी का वह युद्ध स्थल है जो अब उत्तरी सीरिया में है। यहां तुर्की के ऑटोमन साम्राज्य ने ममलूक लोगों को हराया था और अपने साम्राज्य और खिलाफत का विस्तार किया था जिसका उत्तराधिकारी अब आईएस खुद को मानता है। यह संगठन अपना विरोध करने वाले अब तक सैकड़ों इराकी और सीरिया के लोगों को मौत के घाट उतार चुका है। संगठन इन देशों के जातीय समूहों का नरसंहार करने, उनकी औरतों को बेचने और उन्हें अपना दास बनाने व कैमरे के सामने कई लोगों का सिर कलम करने जैसी कार्रवाई कर चुका है। राष्ट्रपति बराक ओबामा की असमंजस की स्थिति और पश्चिमी देशों द्वारा आईएस की ताकत को कम करके आंकने की वजह से इस सुन्नी कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन की ताकत लगातार बढ़ रही है। अमेरिका यह नहीं तय कर पा रहा कि वह इस चुनौती से निपटने के लिए क्या रणनीति अपनाए। आईएस ने दो लाख लड़ाकों की सेना तैयार कर ली है। इराक में अमेरिकी हवाई हमलों की कामयाबी के बावजूद इस आतंकी संगठन ने अमेरिकी पत्रकार के कत्ल का वीडियो जारी किया है। इस्लामिक स्टेट का विस्तार सीरिया तक है। क्या अमेरिका अब आईएस के पीछे सीरिया तक जाने को तैयार है? यदि ऐसा हुआ तो क्या होगा? अमेरिकी पूर्व सहायक विदेश मंत्री पीजे क्राउली का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति सार्वजनिक रूप से बेहद सोच-समझकर और अकेले में दो टूक बोलते हैं। जब बराक ओबामा ने स्पष्ट कहा कि हमारे पास इस्लामिक स्टेट से निपटने के लिए कोई रणनीति नहीं है तो सब हैरान रह गए। इस तरह दो टूक बोलना समझदारी हो या न हो लेकिन उनका उद्देश्य आईएस के खिलाफ अमेरिकी सैन्य अभियान के इराक से सीरिया में विस्तार के कयासों पर लगाम लगाना था। पत्रकार जेम्स फॉली और स्टीवन सोटलाक की दिल दहलाने वाली हत्याओं ने जता दिया कि सीरिया में दांव पर क्या है। इसके  बावजूद इस्लामिक स्टेट के पीछे सीरिया में न घुसने का ओबामा का फैसला कुछ मायनों में सही ही है क्योंकि आईएस भी यही चाहता है कि अमेरिका उसके पीछे सीरिया में आए। बता दें कि आईएस दुनिया का सबसे अमीर आतंकी संगठन है जिसका बजट दो अरब डॉलर का है। विश्व में अधिकांश मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों को सीधे और अपने राजनीतिक नियंत्रण में लेना इसका घोषित लक्ष्य है जिसमें वह सफल होता दिख रहा है। अमेरिका में अमेरिकनों के सिर कलम करने से हाहाकार मचा हुआ है और लोग ओबामा की आलोचना कर रहे हैं कि वह इस संगठन के खिलाफ कार्रवाई करने से कतरा क्यों रहे हैं।

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