Saturday 29 November 2014

ह्यूज की मौत से शोक में डूबा क्रिकेट जगत

केवल 25 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने वाले फिलिप ह्यूज की मौत से समूचा क्रिकेट जगत सदमे में है। आस्ट्रेलिया में तो मातम छाया हुआ है। आस्ट्रेलियाई टेस्ट बल्लेबाज फिलिप ह्यूज को मंगलवार को शेफील्ड शील्ड और न्यू साउथ वेल्स के बीच मैच में एक बाउंसर बाल जो कि एक साथी आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी सीन एबोट ने डाली सिर पर लगी थी। हालांकि ह्यूज ने एक हेलमेट पहन रखा था पर इसके बावजूद चोट इतनी गहरी और घातक थी कि दो दिन जीवन-मृत्यु में लटकता ह्यूज शुक्रवार को जीवन की  बाजी हार गया। ह्यूज साउथ आस्ट्रेलिया की ओर से ओपनिंग करने उतरे और हाफ सेंचुरी बनाई। जब वह 63 रन बनाकर खेल रहे थे तो न्यू साउथ वेल्स के तेज गेंदबाज सीन एबोट ने एक बाउंसर बाल मारी जो ह्यूज के सिर पर जा लगी। उस समय 63 रन बनाकर मैच खेल रहे थे। बाल लगने के बाद ह्यूज ने कुछ पल के लिए अपने हाथ घुटनों पर रखे और फिर पिच पर मुंह के बल गिर पड़े। मेडिकल स्टाफ और खिलाड़ी दौड़ कर उनके पास पहुंचे। मेडिकल स्टाफ ने उन्हें मुंह से सांस देने की कोशिश की और करीब 40 मिनट तक उनका ट्रीटमेंट किया। कोई फायदा न मिलते देख ह्यूज को सिडनी के सेंट विसेंट हास्पिटल ले जाया गया। मैच को वहीं रोक दिया गया क्योंकि सभी को समझ आ गया था कि ह्यूज की हालत अत्यंत गंभीर है। ह्यूज के सिर का आपरेशन हुआ, लेकिन वह कोमा में चले गए और होश में फिर नहीं आए। गुरुवार को उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। फिलिप ह्यूज की मौत ने पुरानी याद ताजा कर दी। 1998 में बांग्लादेश में एक क्लब मैच के दौरान भारतीय खिलाड़ी रमन लांबा शार्ट लेग पर बिना हेलमेट लगाए फील्डिंग कर रहे थे। बल्लेबाज का शाट सीधे उनके माथे पर लगा। तीन दिन अस्पताल में भर्ती रहने के बाद 38 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। 1962 में नारी कांट्रेक्टर कैरेबियाई  दौरे पर भारतीय टीम के कप्तान थे। बैटिंग के दौरान वेस्टइंडीज के तेज गेंदबाज चार्ली ग्रिफिथ की गेंद उनके सिर पर लगी। वह छह दिन तक बेहोश रहे। उन्हें बचाने के लिए एक आपरेशन भी किया गया। कांट्रेक्टर बच तो गए लेकिन दोबारा क्रिकेट नहीं खेले। फिल की मौत पर सारी दुनिया के खिलाड़ियों के संदेश आ रहे हैं। उनकी मौत से जहां क्रिकेट में जीवन के रिस्क पर चर्चा फिर से शुरू हो गई है वहीं हेलमेट की क्वालिटी पर भी बहस छिड़ गई है। फिल ह्यूज की मौत के बाद क्रिकेट समुदाय में हेलमेट की क्वालिटी को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही है। यह साबित हो चुका है कि ह्यूज ने अच्छी क्वालिटी का हेलमेट नहीं पहन रखा था। क्रिकेर्ट्स, क्रिकेट से जुड़े तमाम लोग और क्रिकेट फैंस अब इस बात पर जोर दे रहे हैं कि अच्छी क्वालिटी का हेलमेट जरूर बनना चाहिए। महत्वपूर्ण सवाल यह है कि फिल ह्यूज के साथ जो हुआ, वैसी घटना दोबारा न हो उसके लिए क्या करना चाहिए? हम ह्यूज के परिवार को यह कहना चाहेंगे कि इस दुख की बेला में वह अकेले नहीं, तमाम दुनिया के क्रिकेट खिलाड़ी, खेल प्रेमी उनके दुख में शरीक हैं।

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