Sunday, 16 November 2014

अकेले रोहित शर्मा से हारी पूरी लंका

रनों की स्याही, चौकों की कलम और छक्कों की इबारत से वन डे क्रिकेट का इतिहास नए सिरे से कोलकाता के ईडन गार्डन में लिखा गया। श्रीलंका के खिलाफ भारत के रोहित शर्मा के बल्ले से निकलने वाले तूफान में रिकार्ड ध्वस्त होते चले गए। श्रीलंका के खिलाफ चौथे वन डे मुकाबले में रनों की यह आंधी रुकी तो रोहित ने वन डे की सबसे बड़ी पारी अपने नाम कर ली थी। कुछ पारियां ऐसी होती हैं जो इतिहास में अमर हो जाती हैं और दर्शकों के दिलो-दिमाग में अमिट छाप छोड़ जाती हैं। ऐसी ही एक पारी रोहित शर्मा ने बृहस्पतिवार को ईडन गार्डन में श्रीलंका के खिलाफ चौथे वन डे में खेली जब उन्होंने 264 रन  की रिकार्ड पारी खेली। ईडन गार्डन के ऐतिहासिक स्टेडियम में रोहित ने वन डे इतिहास की सबसे बड़ी पारी खेल अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में अंकित करा लिया। रोहित ने 173 गेंदों की पारी में 33 चौके और नौ छक्के मारे। पांच जनवरी 1971 में जब वन डे इतिहास का पहला मैच खेला गया था तब शायद ही किसी ने सोचा होगा कि सीमित ओवरों के इस प्रारूप में कोई बल्लेबाज 200 रनों का आंकड़ा पार कर सकेगा। लेकिन इस मिथक को क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने 2010 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नाबाद 200 रन की पारी खेल कर तोड़ दिया। सचिन ने जहां वन डे में दोहरे शतक के मिथक को तोड़ा वहीं रोहित शर्मा ने वन डे इतिहास में मील का पत्थर स्थापित किया और 250 रन का आंकड़ा पार करने वाले पहले बल्लेबाज बने। रोहित की इस पारी ने वन डे क्रिकेट को एक नए मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया है जहां अब 300 रनों की पारी भी अछूती नहीं दिख रही है। रोहित की यह पारी इसलिए भी खास है क्योंकि अंगुली की चोट के कारण वह इस सीरीज में अपना पहला मैच खेल रहे थे। यह पारी इसलिए भी अद्भुत है क्योंकि उन्होंने वन डे में दूसरी बार दोहरा शतक जड़ा और ऐसा करने वाले वह पहले बल्लेबाज हैं। भविष्य में क्रिकेटरों के लिए रोहित ने एक ऐसी लकीर खींच दी है जिसे पार करना एक नए इतिहास को लिखना है। रोहित ने इस पारी के दौरान वन डे में सर्वाधिक व्यक्तिगत पारी के हमवतन वीरेन्द्र सहवाग के 219 रन के रिकार्ड को तोड़ा जिन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2011 में यह रिकार्ड बनाया था। रोहित को इतनी लंबी पारी खेलने में श्रीलंका ने भी मदद की और जब उन्होंने दो बार जीवन दान दिया। पहला कैच तो तब ड्राप हुआ जब रोहित चार रन पर थे। जब-जब रोहित की इस पारी को याद किया जाएगा तब-तब शमिंडा इरांगा की गेंद पर थर्ड मैन पर खड़े तिसारा परेरा को भी याद किया जाएगा जिन्होंने आसान-सा कैच छोड़ा जब रोहित मात्र चार रन पर थे। रोहित ने पूरे 50 ओवर बल्लेबाजी की और पारी की आखिरी गेंद पर एक और छक्का मारने के प्रयास में बाउंड्री में कैच हो गए। यह जरूरी नहीं था, वह नाबाद भी रह सकते थे। हम रोहित शर्मा को बधाई देना चाहते हैं। उन्होंने देश की शान को चार चांद लगा दिए हैं।

-अनिल नरेन्द्र

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