Thursday 27 November 2014

अडानी को कैसे मिला एक अरब डॉलर का कर्ज?

आस्ट्रेलिया में अडानी समूह के कोयला खनन परियोजना को कर्ज देने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार के आने से जनता की बजाय अडानी जैसे उद्योगपतियों के अच्छे दिन जरूर आ गए हैं। पाटी पवक्ता अजय माकन ने कहा अडानी को कर्ज देने का एसबीआई का औचित्य क्या है? और वह भी ऐसे समय जब पांच विदेशी बैंकों ने परियोजना के लिए इस समूह को कर्ज देने से मना कर दिया था। अडानी को इतना बड़ा कर्ज देने पर सवाल उठाते हुए माकन ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि आखिर एसबीआई इस परियोजना के लिए अडानी के साथ हस्ताक्षर किए गए सहमति पत्र को क्यों नहीं दिखा रही है। पधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आस्ट्रेलिया दौरे के बीच ही एसबीआई और अडानी समूह के बीच समझौता हुआ था। इसके तहत बैंक अडानी समूह को आस्ट्रेलिया में कोयला खनन के लिए 61.95 अरब रुपए कर्ज देगा। भारतीय बैंक द्वारा विदेश में किसी पेजेक्ट के लिए दिया जा रहा यह सबसे बड़ा कर्ज होगा। इस पर माकन ने कहा कि बैंकों का अडानी समूह पर 72,000 करोड़ रुपए का कर्ज पहले से बकाया है। उसे छह बड़े बैंक कर्ज देने से मना कर चुके हैं फिर एसबीआई किस आधार पर कर्ज देने को तैयार हुआ? बैंक को इस बाबत पूरी जानकारी देनी चाहिए। इस पर एसबीआई ग्रुप की अरुंधति भट्टाचार्य (चेयरपर्सन) ने कहा कि अभी अडानी समूह के साथ बैंक का सिर्फ समझौता हुआ है। कोई कर्ज मंजूर नहीं किया गया है। बैंक पूरी पकिया और पड़ताल के बाद ही रकम मंजूर करेगा। लेकिन एसबीआई को लगता है कि यह फायदे का सौदा है। इस परियोजना के पर्यावरण से जुड़े मुद्दों के बारे में उन्होंने क्वींसलैंड के उपपधानमंत्री से बात की। जिसमें क्वींसलैंड के उपपधानमंत्री ने बताया कि इस परियोजना को पूरी तरह से हरी झंडी मिली हुई है। हमारा मानना है कि इस तरह पधानमंत्री को एक विशेष उद्योगपति को साथ लेकर जाना और उसे वहीं (आस्ट्रेलिया) में कर्ज दिलवाना सही नहीं माना जा सकता। जिस समूह पर पहले से ही कर्ज न लौटाने का मामला चल रहा है उससे इस तरह के पक्षपात से जनता में गलत संदेश जाता है। फिर यह पैसा भारत की जनता का है। अगर कांग्रेस कहती है कि मोदी आम जनता के पैसों से उद्योगपतियों की मदद कर रहे हैं तो इसमें गलत क्या है? कांग्रेस ने एक पमुख विदेशी पत्र का हवाला देते हुए कहा कि इस परियोजना को दुनिया की कोई भी अन्य वित्तीय एजेंसी कर्ज नहीं दे रही थी। पधानमंत्री पर देश से ज्यादा विदेश में रहने के आरोपों को दोहराते  हुए कांग्रेस ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने अच्छे दिन लाने का वादा किया था लेकिन ऐसा लगता है कि सरकार के करीबी माने जाने वाले उद्योगपतियों के लिए ही अच्छे दिन आए हैं।

-अनिल नरेंद्र

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