Sunday, 16 November 2014

मदरसों में जेहाद की शिक्षा से खुफिया एजेंसियों का इंकार

देश के अधिकांश मदरसों में जेहाद की शिक्षा नहीं दी जाती है, यह कहना है देश की खुफिया एजेंसियों का। गृह मंत्रालय ने अपनी तमाम सुरक्षा एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर मदरसों को लेकर एक आंतरिक रिपोर्ट तैयार की है। इसके अनुसार भारतीय मदरसों का जेहादी गतिविधियों में लिप्त होने का कोई प्रमाण नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देवबंद, अल हदीस, जमात और  बरेलवी के अधीन संचालित होने वाले मदरसों से कोई जेहादी गतिविधियां संचालित नहीं होतीं। रिपोर्ट के अनुसार इन संस्थाओं के मदरसे पारम्परिक तरीके से शिक्षा दे रहे हैं। हालांकि सरकार बंगलादेश से सटे असम और पश्चिमी बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में चल रहे मदरसों को लेकर जरूर सतर्प है। यहां काफी मदरसे बंगलादेशी नागरिकों के सहयोग से चल रहे हैं। यहां के कई शिक्षक भी बंगलादेशी हैं। इन मदरसों के बारे में अलग से रिपोर्ट तैयार की जा रही है। सूत्रों का कहना है कि वर्दवान विस्फोट की घटना में एक मदरसे के शिक्षक को भी कथित तौर पर लिप्त पाया गया था। उसका संबंध भी बंगलादेश से बताया गया है। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि उनका विभाग मदरसों के शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों की छानबीन कर रहा है, जो दूसरे देशों के हैं। खासकर ऐसे कई मदरसे सीमा से लगे क्षेत्रों में चल रहे हैं जहां विदेशी शिक्षक या कर्मचारी हैं। ऐसे मदरसे पाकिस्तान की सीमाओं पर चल रहे हैं। मदरसों पर पिछले साल से ही नजर रखी जा रही है। तमाम खुफिया एजेंसियों ने एक साथ इन मदरसों पर नजर रखी हुई है। हालांकि अभी तक किसी मदरसे से ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है जो किसी भी तरह आपत्तिजनक हो। अधिकारी ने कहा कि पश्चिम बंगाल, यूपी, बिहार और केरल के मदरसों ने अपना पंजीकरण करवा रखा है। अन्य राज्यों में मदरसों को सूचीबद्ध नहीं किया गया है। अधिकांश मदरसों में शिक्षक स्थानीय लोग हैं, इनमें से किसी में भी आपत्तिजनक बातें देखने को नहीं मिलीं। गौरतलब है कि संघ परिवार के संगठनों ने इस तरह के आरोप लगाए थे कि देश में चल रहे मदरसों में आतंक और जेहाद की शिक्षा दी जा रही है। लेकिन खुफिया एजेंसियों द्वारा गृह मंत्रालय को दी गई रिपोर्ट में इससे इंकार किया गया है। हमें इन पर विश्वास करना होगा क्योंकि इस समय गृह मंत्रालय भाजपा दिग्गज राजनाथ सिंह संभाल रहे हैं और देश में नरेंद्र मोदी की सरकार है। हालांकि खुफिया एजेंसियों ने इस बात से इंकार नहीं किया कि कुछ मदरसों में विदेशी शिक्षक गलत पहचान पत्र के आधार पर काम कर रहे हैं। सरकार के पास जो आंकड़े हैं उसके अनुसार बंगलादेश की सीमा पर करीब 1700 मदरसे चल रहे हैं। यह सभी मदरसे पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा और मेघालय में हैं और यह सभी अंतर्राष्ट्रीय सीमा से महज 20 किलोमीटर की परिधि में हैं। समझा जाता है कि बेरोजगारी के कारण इस तरह के मदरसे लगातार बनते जा रहे हैं। इन मदरसों में बगैर किसी सिलेबस या कार्यक्रम के आधार पर शिक्षा दी जाती है।

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