Wednesday 19 November 2014

बॉलीवुड में पुरुष मेकअप आर्टिस्टों का वर्चस्व खत्म

सुपीम कोर्ट ने 59 साल से जारी पुरुषों के एकाधिकार को खत्म करते हुए बॉलीवुड में महिला मेकअप आर्टिस्टों के काम करने पर लगी पाबंदी हटा दी है। इस क्षेत्र में पुरुषों के वर्चस्व की लंबी परंपरा ने अब तक फिल्मी सेटों पर महिला मेकअप आर्टिस्टों का रास्ता रोके रखा था। केवल महिला हेयर स्टाइलिस्ट को इस क्षेत्र में काम करने की छूट थी। बॉलीवुड की यूनियन ने पुरुषों की अजीविका पर पड़ने वाले असर का हवाला देते हुए अब तक महिला मेकअप आर्टिस्टों के काम करने पर पाबंदी लगाई हुई थी। सोमवार को सुपीम कोर्ट ने बॉलीवुड में महिला मेकअप आर्टिस्ट पर लगी रोक हटाते हुए कहा कि हम 2014 में हैं, 1935 में नहीं। शीर्ष अदालत ने कहा कि सिने कॉस्ट्यूम मेकअप आर्टिस्ट एंड हेयर ड्रेसर्स एसोसिएशन (सीसीएमएम) खुद इस सिस्टम को हटा दे तो बेहतर होगा। याचिकाकर्ता चारू खुराना ने इसी एसोसिएशन के नियमों को चुनौती दी थी। इसके नियमों में फिल्म इंडस्ट्री में सिर्फ पुरुषों को ही मेकअप आर्टिस्ट बनने का अधिकार दिया गया था। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने भी इस नियम को हटाने के लिए एसोसिएशन से कहा था लेकिन एसोसिएशन ने सरकार का कहना नहीं माना। जनवरी 2013 को नौ महिला मेकअप आर्टिस्टों ने अदालत में याचिका दायर की थी। उनकी शिकायत थी कि बॉलीवुड की ताकतवर यूनियन उन्हें मेकअप आर्टिस्ट का काम नहीं करने दे रही है। न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और यू यू ललित की बैंच ने कहा कि अब तक इस तरह का भेदभाव कैसे जारी है? अदालत इसकी इजाजत कतई नहीं दे सकती। हमारे संविधान में भी इसकी इजाजत नहीं है। मेकअप आर्टिस्ट का काम केवल पुरुष ही क्यों करें? आगे कहा कि यदि महिला मेकअप आर्टिस्ट काबिल हैं तो ऐसी कोई वजह नहीं कि उनके काम करने पर पाबंदी लगाई जाए। अदालत ने सिने कॉस्ट्यूम मेकअप आर्टिस्ट एंड हेयर ड्रेसर्स एसोसिएशन को आदेश दिया है कि वह महिला मेकअप आर्टिस्टों पर लगाई गई पाबंदी को फौरन खत्म करे। जजों ने कहा कि हम 1935 में नहीं 2014 में जी रहे हैं। ऐसे रिवाजों को एक दिन भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता चारू खुराना कहती हैं कि उन्होंने मेकअप की ट्रेनिंग कैलिफोर्निया के स्कूल से ली लेकिन बॉलीवुड में उन्हें काम करने नहीं दिया गया। खुराना ने बीबीसी को बताया, मैंने कुछ फिल्मों में काम तो किया है लेकिन अनुभव बहुत बुरा रहा। यहां की यूनियन बेहद ताकतवर और दबंग है। फिल्म में महिला मेकअप आर्टिस्ट के काम करने की खबर मिलते ही वे उस फिल्म पर रोक लगा देते हैं। निर्माताओं को जुर्माना भी भरना पड़ता है। वे बताती हैं कि ऐसी कई महिला मेकअप आर्टिस्ट हैं जो बॉलीवुड में काम करना चाहती हैं। अभिनेत्रियों और महिला कलाकारों को भी उनसे मेकअप करवाने में सहूलियत रहती है। फिल्मों में काम पाने की कोशिश करने वाली कई महिला मेकअप आर्टिस्टों के साथ मार-पीट तक हो चुकी है। 5 साल तो इन्साफ पाने में लगे पर अब आगे का रास्ता खुल जाएगा।

-अनिल नरेंद्र

No comments:

Post a Comment