Sunday 26 April 2015

बिहार में काल बैसाखी तूफान से भारी तबाही

बिहार में मंगलवार रात आया तूफान तो बेशक गुजर गया लेकिन अपने पीछे दर्द, आंसू और पीड़ा के कई मंजर छोड़ गया। पूर्णिया, मधेपुरा, कटिहार जिले में तूफान ने व्यापक तबाही फैलाई और 65 लोगों की मौत हो गई जबकि ढाई हजार से ज्यादा लोग घायल हो गए। रात 10 बजे से आधे घंटे तक चक्रवात ने वह तबाही मचाई कि कहीं दरख्तों के टूटने और गिरने की आवाज तो कहीं जान बचाने के लिए जद्दोजहद करते लोगों की चीत्कार। कहीं घरों के टीन के छप्पर पेड़ों की टहनियों में फंसे नजर आए तो कहीं फूस और बांस की टाट से बने गरीबों के आशियाने धराशायी दिखते हैं। पूर्णिया जिले के उत्तर पश्चिम से शुरू हुए तूफान की रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटा बताई जा रही है। तूफान पहले तेज हवा से शुरू हुआ और फिर मूसलाधार बारिश के साथ तेज रफ्तार पकड़ता गया। कहीं-कहीं ओले भी पड़े। उसी रफ्तार से यह पूरब कोना होते हुए बंगाल की खाड़ी की ओर चला गया। इससे बायसी अनुमंडल का डगरूमा प्रखंड सर्वाधिक प्रभावित हुआ। इस बीच पूर्णिया पूर्व के अलावा धमदाहा, भवानीपुर बडहरा और सपौली प्रखंडों में भी मुसीबत का पहाड़ टूटा। चक्रवात की चपेट में आकर 500 मवेशी भी मारे गए। मधुबनी जिले के उत्तर पश्चिमी हिस्से में 1800 से ज्यादा कच्चे-पक्के मकान व झोंपड़ियां ध्वस्त हो गईं। आंकलन के मुताबिक पूर्णिया में तूफान के कारण 1.40 लाख हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है, जिससे करीब 15 अरब रुपए के नुकसान का अनुमान है। जिले में 5255 हेक्टेयर में केले की खेती बुरी तरह प्रभावित हुई है। इसी तरह 52715 हेक्टेयर में लगी मक्के की खेती बर्बाद हो गई। सब्जी, आम एवं लीची की फसलों को भी नुकसान पहुंचा है। कृषि विभाग का कहना है कि 30 करोड़ रुपए का गेहूं, 20 करोड़ का मक्का, एक करोड़ का सूरजमुखी व एक करोड़ रुपए की मसूर की फसल बर्बाद हुई है। राज्य सरकार की ओर से राहत कार्य तेज कर दिया गया है। बेघर हुए लोगों को अनाज-कपड़े और बर्तन के लिए तत्काल 5800 रुपए दिए जा रहे हैं। प्रति परिवार एक क्विंटल अनाज और बेघर लोगों को पालीथिन की चादरें दी जा रही हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि तूफान में एक हजार पशुओं की मरने की खबर है। करीब 10 जिलों में इसका प्रभाव दिखा। बिहार में आंधी-तूफान से हुई भारी तबाही को लेकर केंद्र सरकार भी सक्रिय हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात कर नुकसान की जानकारी ली और केंद्र से हर संभव मदद की पेशकश की। अचानक आए तेज तूफान और बारिश से पश्चिम बंगाल व झारखंड के कुछ इलाके भी प्रभावित हुए हैं। लोकसभा में बृहस्पतिवार को सदस्यों ने तूफान में भारी नुकसान पर गहरी चिन्ता व्यक्त करते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने और बिहार के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की है।

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