Wednesday 22 April 2015

मोदी जी विदेशों में भारत की छवि न गिराएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विदेश यात्रा के दौरान विश्व बिरादरी को यह आश्वासन देना कि वह पिछली सरकारों द्वारा छोड़ी गई गंदगी की सफाई करने में जुटे हैं और इसे साफ करके ही रहेंगे, कांग्रेस को बहुत नागवार गुजरा है। अपनी विदेश यात्रा के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए, अपने लोकप्रिय भाषणों से देश का गौरव बढ़ाया और उत्सवधर्मी माहौल में अनिवासी भारतीयों को संबोधित कर उनकी छाती चौड़ी की। अफसोस कि इतने अच्छे कामों के अलावा इस यात्रा के दौरान उन्होंने एक छोटा-सा ऐसा काम भी कर दिया है जिससे देश का कोई फायदा तो नहीं ही होने वाला, उल्टे कुछ नुकसान और विवाद पैदा जरूर हो गया है। मसलन एक जगह उन्होंने यह कहा कि पहले लोग भारत को स्कैम इंडिया के रूप में जानते थे, लेकिन आगे से वह इसे स्किल्ड इंडिया के रूप में जानेंगे। अपनी आलोचना से नाराज कांग्रेस ने पलटवार किया है। मोदी पर भड़की कांग्रेस ने ऐलान किया है कि अब जिस देश के दौरे पर मोदी जाएंगे, उनके पीछे पार्टी अपने प्रवक्ता या वरिष्ठ नेता भी भेजेगी जिससे उनका कड़ा जवाब उसी धरती पर दिया जा सके। यदि इस तरह की परम्परा शुरू होती है तो इससे देश की प्रतिष्ठा धूमिल होगी। मोदी ने फ्रांस, जर्मनी और कनाडा के अपने हालिया दौरे में वहां रह रहे भारतीय प्रवासियों की सभा में अपने भाषणों के दौरान कुछ ऐसे कटाक्ष किए, जो पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के खिलाफ थे। पूर्व कैबिनेट मंत्री आनंद शर्मा का कहना है कि प्रधानमंत्री ने विदेश दौरों के दौरान अप्रवासी भारतीयों के समक्ष कांग्रेस अथवा पूर्व संप्रग सरकार पर कीचड़ उछालने का काम करके पद की गरिमा, मर्यादा व देश का सम्मान घटाया है। ऐसा करने वाले वह पहले प्रधानमंत्री हैं। अमूमन चुनाव के समय इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप लगाए जाते हैं पर विदेशों में किसी सार्वजनिक मंच पर इस तरह के बयान ठीक नहीं होते। आनंद शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी अपनी यात्राओं में सत्य नहीं बोलते। उन्होंने मोदी के उस दावे को भी नकार दिया जिसमें उन्होंने कहा कि पिछले 42 साल से भारत का कोई प्रधानमंत्री कनाडा नहीं आया। शर्मा ने कहा कि इस बात के सबूत हैं कि पांच साल पहले ही प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह वहां गए थे। वर्ष 2010 में सिंह कनाडा के पीएम स्टीफन हार्पर के निमंत्रण पर गए थे। उस दौरान दोनों देशों के पीएम की ओर से संयुक्त बयान भी जारी किया गया था। हमारा मानना भी यह है कि विदेशों में भारत की छवि को बढ़ाने की जरूरत है, घटाने की नहीं। हमें अपनी कमजोरियां या गलतियां विदेशों में प्रचारित नहीं करनी चाहिए। इतने सारे विदेशी राजनेता भारत का दौरा करते हैं, क्या एक बार भी हमने उन्हें देश की पिछली सरकारों के बारे में कुछ कहते हुए सुना है? अमेरिका में जॉर्ज डब्ल्यू बुश जितना अलोकप्रिय नेता कोई और नहीं हुआ। उनका तो पहला चुनाव ही फर्जी बताया गया था। इसके बावजूद बराक ओबामा ने जॉर्ज बुश के बारे में कोई आपत्तिजनक बयान नहीं दिया। विदेशी जमीन पर मोदी जी यह क्यों भूल जाते हैं कि वह वहां भाजपा नेता की हैसियत से नहीं देश के प्रधानमंत्री की हैसियत से गए हैं और उन्हें पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए।

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