Wednesday, 24 February 2016

रिंगिंग बेल्स का फ्रीडम 251 स्मार्ट फोन

सिर्प 251 रुपए में दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्ट फोन देने का दावा कर शौहरत बटोरने वाली रिंगिंग बेल्स के लिए खतरे की घंटियां बजने लगी हैं। फ्रीडम 251 फोन के मामले में विवाद थमता नजर नहीं आ रहा। रिंगिंग बेल्स भले ही लाखों फोन बेचने का लक्ष्य तय करे, लेकिन अभी तक कंपनी ने स्मार्ट फोन बनाने के लिए उत्पाद शुल्क विभाग से अपना पंजीयन नम्बर तक नहीं लिया है। दरअसल किसी भी कंपनी को कोई भी उत्पादन शुरू करने के लिए उत्पाद शुल्क विभाग से पंजीयन नम्बर लेना अनिवार्य होता है। रिंगिंग बेल्स मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत फोन बनाने का ऐलान कर चुकी है। कंपनी का कहना है कि 10 अप्रैल से 30 जून के बीच वह 25 लाख फ्रीडम 251 की डिलीवरी करेगी। हालांकि गत शनिवार तक फ्रीडम 251 की पांच करोड़ से ज्यादा यूनिटों की बुकिंग की चर्चा थी लेकिन कंपनी सिर्प 25 लाख फोन देने की बात कर रही है। शनिवार को ही फोन की बुकिंग बंद कर दी है। फोन निर्माताओं के मुताबिक 30 जून तक 25 लाख फोन बनाने के लिए हर महीने रिंगिंग बेल्स को छह लाख से अधिक फोन बनाने होंगे। यानि कि एक मार्च से भी फोन का उत्पादन शुरू किया जाता है तो 30 जून तक प्रतिदिन 25000 फोन का निर्माण करना होगा। रिंगिंग बेल्स के स्मार्ट फोन की बुकिंग के दौरान कंपनी की तरफ से कोई भुगतान नहीं लिया गया है। कंपनी ने बुकिंग कराने वाले ग्राहकों को अगले 48 घंटे में भुगतान करने के बारे में जानकारी देने की बात कही है। फ्रीडम 251 फोन के मामले में बढ़ रहे विवाद को देखते हुए संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जांच के आदेश दिए हैं। संचार मंत्री ने यह कदम भाजपा सांसद किरीट सोमैया के एक पत्र के जवाब में उठाया है। सोमैया के अलावा मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों ने भी इस स्कीम को लेकर प्रसाद के पास शिकायत की थी। इसमें उन्होंने इतनी कम कीमत में स्मार्ट फोन देने का दावा करने वाली स्कीम पर संदेह जताया था। सोमैया ने सबसे सस्ते फोन का दावा करने वाली रिंगिंग बेल्स को लेकर सवाल उठाते हुए दूरसंचार और वित्त समेत कई मंत्रालयों से सम्पर्प साधा था। फ्रीडम 251 स्कीम के तहत अब तक करीब पांच करोड़ बुकिंग हो चुकी है। कंपनी ने अब अपनी वेबसाइट पर ऑनलाइन बुकिंग बंद करने का ऐलान कर दिया है। रिंगिंग बेल्स के एमडी मोहित गोयल ने हालांकि इस सस्ते फोन की लागत वसूलने का फॉर्मूला पुलिस को बताया है। कंपनी का दावा है कि उसे मेक इन इंडिया के तहत मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने पर 30 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी। साथ ही ई-कॉमर्स फर्म स्नैपडील के साथ समझौता कर लिया है। गोयल ने बताया कि फ्रीडम 251 स्कीम के तहत दिए जाने वाले फोन की लागत करीब साढ़े चौदह सौ रुपए है। पुलिस ने इन दावों पर भरोसा न करते हुए सभी कर्मचारियों का ब्यौरा तलब किया है। समय ही बताएगा कि यह हकीकत है या फंसाना?

-अनिल नरेन्द्र

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