Thursday 18 February 2016

सीरिया में अगर सऊदी ने सैनिक भेजे तो छिड़ सकता है विश्व युद्ध

सऊदी अरब सीरिया में जल्द मैदानी जंग की तैयारी कर रहा है। हाल ही में जारी रिपोर्ट्स की मानें तो सऊदी अरब सीरियन बॉर्डर से लगे तुर्की के इनकिट लिंक एयरबेस पर अपने फाइटर जेट्स और सैनिकों को भेज रहा है। तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत काबुसोगल ने भी इसकी पुष्टि की है। सीरिया में जमीनी जंग के लिए सैनिक भेजने के सऊदी अरब, तुर्की के इरादों पर रूस भड़क उठा है। जर्मनी पहुंचे रूस के प्रधानमंत्री दमित्री मेदवदेव ने गत शुक्रवार को धमकी दी कि ऐसा करने से धरती पर एक और विश्व युद्ध छिड़ सकता है। दरअसल ऐसी संभावना जताई जा रही है कि सीरिया में जमीनी फौज भेजने की सऊदी अरब और तुर्की की पहल के बाद अमेरिका भी इसमें शामिल हो सकता है। राष्ट्रपति बशर अल असद के नेतृत्व वाली सीरियाई फौजों के अलेप्पो में बढ़त बनाने से चिढ़े सऊदी अरब और तुर्की ने यह रुख दिखाया है। अलेप्पो के आधे हिस्से पर आईएस, अल नुसरा फ्रंट, अहरार अल शाम जैसे कई विद्रोहियों का कब्जा है। सऊदी अरब, तुर्की सीरिया में असद विरोधी विद्रोही गुटों की गुपचुप मदद कर रहे हैं। दूसरी ओर रूस असद के समर्थन में खड़ा है। सीरिया पर वार्ता के लिए म्यूनिख पहुंचे रूसी पीएम ने आगाह किया कि जमीनी फौज उतारने का कोई भी प्रयास स्थायी युद्ध की ओर ले जाएगा। सबको पता है कि अफगानिस्तान और लीबिया में क्या हुआ। सभी पक्षों को मेज पर बैठकर हल निकालना चाहिए। रूसी हवाई हमलों की मदद से कुर्द विद्रोहियों ने तुर्की-सीरिया सीमा पर हवाई ठिकाने पर कब्जा कर लिया है। मेदवदेव ने कहा कि अमेरिका और उसके अरब सहयोगियों को अच्छे तरीके से सोचना चाहिए कि क्या वह स्थायी युद्ध चाहते हैं? क्या उन्हें लगता है कि वे इतनी जल्दी जीत जाएंगे? दूसरी ओर ब्रिटेन के विदेश मंत्री फिलिप हेलमंड ने कहा कि समझौता तभी सफल होगा जब रूसी नरमपंथी विद्रोही गुटों पर बमबारी बंद होगी। तुर्की ने भी कहा है कि रूस नागरिकों पर हमले करना बंद करे। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उपप्रवक्ता मार्प टोनर ने भी कहा कि गत महीनों में असद प्रशासन के प्रति रूसी समर्थन और हाल में अलेप्पो की घेराबंदी ने संघर्ष और तेज कर दिया है। संघर्ष विराम कराने के लिए विश्व की प्रमुख शक्तियों के बीच सीरिया में हालांकि एक हफ्ते में युद्ध विराम पर सहमति और विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों में मानवीय मदद पहुंचाने की एक योजना पर गत शुक्रवार को म्यूनिख में सहमति तो बनी पर नाटो संगठन के उग्र बयानों से ऐसा होना फिलहाल मुश्किल ही लगता है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी और रूसी विदेश मंत्री मेदवदेव समेत 17 देशों के प्रतिनिधि म्यूनिख में हुई इस वार्ता में शामिल हुए। दूसरी ओर संघर्ष विराम के लिए बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बीच सा]िरया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने पूरे देश (सीरिया) पर अपना नियंत्रण बहाल करने का संकल्प दोहराया है। साथ ही उन्होंने युद्ध खत्म करने के लिए बातचीत करने के साथ-साथ आतंकवाद से लड़ाई जारी रखने की भी प्रतिबद्धता जताई। असद ने एक साक्षात्कार में कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य पूरे देश पर वापस अधिकार हासिल करना है। फ्रांस के प्रधानमंत्री मैनुअल वाल्स का मानना है कि यूरोप में अभी आईएस और बड़े आतंकी हमले कर सकता है। आतंकी संगठन आईएस के बारे में एक और खतरनाक जानकारी सामने आई है। अमेरिका खुफिया संगठन सीआईए के निदेशक जॉन ब्रेनन ने एक न्यूज चैनल से साक्षात्कार में रहस्योद्घाटन किया कि आईएस ने रासायनिक हथियार बना लिए हैं और कुछ मोर्चों पर इनका इस्तेमाल भी किया है। उनके अनुसार आईएस ने क्लोरिन और मस्टर्ड गैस बना ली है। इराक और सीरिया के युद्ध मोर्चों से जो सूचनाएं मिली हैं उनसे पता चलता है कि आईएस ने वहां कुछ मौकों पर रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल भी किया है।

-अनिल नरेन्द्र

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