Sunday 28 February 2016

स्मृति और अनुराग के सटीक भाषण से कांग्रेस-वाम दल ढेर

जेएनयू और हैदराबाद विश्वविद्यालय के मुद्दे पर सरकार को संसद में घेरने की विपक्षी रणनीति बुरी तरह ध्वस्त हो गई। मैं दो वक्ताओं का खास जिक्र करना चाहूंगा। मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के भाषण का और सांसद अनुराग ठाकुर का। यूं तो मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की औपचारिक शिक्षा को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं और मजाक भी बनते रहे हैं। मुझे यह मानने में संकोच नहीं कि जब प्रधानमंत्री ने मानव संसाधन मंत्रालय स्मृति ईरानी को दिया तो मुझे भी थोड़ा आश्चर्य जरूर हुआ था पर बुधवार और बृहस्पतिवार को जिस तरीके से, प्रभावी ढंग से स्मृति ने लोकसभा और फिर राज्यसभा में सरकारी पक्ष रखा उससे मुझे अपनी राय उनके बारे में बदलनी पड़ी है। बुधवार को स्मृति ईरानी ने अपनी वाक कला और तथ्यों से विपक्ष की बोलती बंद कर दी। वाम दल अलग-थलग हुए और कांग्रेस इतनी असहज हुई कि राहुल गांधी को तो लोकसभा से भागना पड़ा। स्मृति ईरानी ने इतना असहज कर दिया इन्हें (विपक्ष को) सरकार का जवाब सुने बिना ही पहले पांच-सात मिनट में वाकआउट करना पड़ा। एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने पार्टी को निर्देश दिया था कि किसी मुद्दे पर तथ्यों के साथ पूरी तरह आक्रामक रहें। स्मृति ईरानी उस मानक पर पूरी तरह खरी उतरीं। जेएनयू के ही सुरक्षा अधिकारियों व अन्य की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आक्रामकता के साथ न सिर्प चौंकाने वाले तथ्य रखे बल्कि वाकआउट कर रहे विपक्षी नेताओं को चुनौती भी दी कि वह हिम्मत दिखाएं और जवाब सुनें। उन्होंने लोकसभा व देश को बताया कि कन्हैया कुमार और उमर खालिद व कुछ अन्य छात्रों को खुद प्रशासन ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाया है। उमर खालिद ने आयोजन के लिए स्थल बुक कराया और वहीं राष्ट्र विरोधी नारे लगाए। पूरी तैयारी के साथ उतरीं स्मृति ईरानी इतनी भावुक हो गईं कि उन्होंने कहाöमैंने अपने कर्तव्य का निर्वाह किया है। इसके लिए माफी नहीं मांगूगी। उन्होंने याद दिलाया कि खुद इंदिरा गांधी सत्ता खो चुकी थीं लेकिन उनके पुत्र राजीव गांधी ने भारत की बर्बादी के नारों का कभी समर्थन नहीं किया। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के हैदराबाद विश्वविद्यालय तथा जेएनयू जाने का उल्लेख करते हुए स्मृति ने कहा कि क्या कांग्रेस अमेठी का बदला इस तरह की बेबुनियाद बातों से लेगी? राजीव गांधी कभी भी देश के टुकड़े करने वालों के साथ खड़े नहीं हुए लेकिन राहुल गांधी देश विरोधियों के साथ खड़े हैं। उन्होंने कांग्रेस को याद दिलाया कि जेएनयू में वीसी से लेकर छोटे से छोटे पदों पर नियुक्तियां यूपीए शासनकाल में हुईं। वामपंथियों को ललकारते हुए उन्होंने कोलकाता की एक सभा और उसके लिए छपे पम्पलेट तथा वहां की बातों का उल्लेख कर उनकी घृणित मनोवृत्तियों का पर्दाफाश किया। यह प्रसंग था श्री दुर्गा पूजा और मां दुर्गा तथा महिषासुर राक्षस का। इस प्रसंग में जो कुछ कहा गया वह इतना शर्मनाक है कि उसे पढ़कर भी सुनाना एक सभ्य नागरिक के लिए संभव नहीं है। लोग या तो स्मृति ईरानी के प्रशंसक होंगे या आलोचक। उनके आलोचक जहां उनके भाषण को ड्रामा करार देने से नहीं चूके, वहीं ऋषि कपूर जैसे विख्यात सिने स्टार उन्हें फीमेल अमिताभ करार दे दिया तो परेश रावल ने सुनामी। जबकि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके भाषण पर ट्विट किया और कहाöसत्यमेव जयते। अब बात करते हैं भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर की। कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए अनुराग ठाकुर ने पूछा कि आपको साफ करना होगा कि आप किसके साथ हैं। आप संसद पर हमला करने वालों के साथ या संसद को बचाने वालों के साथ हैं? राहुल की विचित्र राजनीति के चक्कर में निचले सदन में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी के लिए बचाव करना मुश्किल हो रहा है। राष्ट्र विरोधी नारे लगाने वालों के साथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खड़े होने पर भाजपा की ओर से चर्चा में शामिल अनुराग शुरू से ही आक्रामक मुद्रा में दिखे। उन्होंने कहा कि राहुल कैप्टन पवन कुमार के घर नहीं गए लेकिन जेएनयू में देश को तोड़ने वालों के पास पहुंच गए। इस बीच राहुल गांधी के सदन के बाहर जाने पर भी उन्होंने चुटकी ली। ठाकुर ने कहा कि अभी तो हमने सवाल पूछना शुरू ही किया अब इनका जवाब कौन देगा? अनुराग ने कहा कि डीएसयू के जिन छात्रों के साथ वे जेएनयू में खड़े थे, उनके बारे में संप्रग सरकार के दौरान गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह ने बताया था कि यह नक्सलियों का फ्रंट संगठन है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को तय करना है कि अफजल गुरु उनके लिए आतंकी है या शहीद? समस्या यह है कि जेएनयू के कुछ छात्र देश के टुकड़े-टुकड़े करने की बात कहते हैं और आप उनके साथ खड़े होते हैं। ठाकुर ने कहाöराहुल जी आप कौन-से टुकड़े पर राज करेंगे? रोहित वेमुला से लेकर जेएनयू तक हर मुद्दे पर सत्तापक्ष के वक्ताओं ने विपक्ष को पानी-पानी कर दिया। राजनीति के बड़े-बड़े दिग्गज न ही वाणी से और न ही तेवरों से स्मृति ईरानी और अनुराग ठाकुर को रोक सके। स्मृति ईरानी लोकसभा में धुआंधार बोलीं। तथ्यों और आंकड़ों के साथ हिन्दी और अंग्रेजी में पूरी सहजता से बोलते हुए उन्होंने तमाम विपक्ष को धो डाला। एक्टर ऋषि कपूर ने कहा कि स्मृति ईरानी ने लोकसभा में क्या भाषण दिया है। मैं यह तय नहीं कर पा रहा था कि आपको देखूं या इंडिया-बांग्लादेश के बीच टी-20 मैच।

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